वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को भारत के लिए बीबीबी रेटिंग दी. उसने यह भी कहा कि कोरोना वायरस मामलों में तेजी से जीडीपी में सुधार होने में देरी हो सकती है लेकिन इससे अर्थव्यवस्था के विकास का पहिया पटरी से उतरेगा नहीं. फिच रेटिंग्स ने नकारात्मक परिदृश्य को बरकरार रखा. यह कर्ज वृद्धि को लेकर लंबे समय तक अनिश्चिता बने रहने की स्थिति को दिखाता है.
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उनका अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 12.8 फीसदी रहेगी, जो 2022-23 में नरम होकर 5.8 फीसदी पर आ जाएगी. वित्त वर्ष 2020-21 में वृद्धि दर में 7.5 फीसदी गिरावट का अनुमान है.
उनने कहा कि हालांकि हाल में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों तेजी से 2021-22 के परिदृश्य के कमजोर होने का जोखिम है. संक्रमण के मामलों में तेजी से रिकवरी में देरी हो सकती है लेकिन अर्थव्यवस्था के विकास का पहिया पटरी से उतरने की आशंका नहीं है.
फिच का मानना है कि महामारी संबंधित पाबंदियां स्थानीय स्तर पर सीमित रहेंगी और यह 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर लगाए गए लॉकडाउन से कम कड़ी होगी. साथ ही टीकाकरण अभियान में तेजी लाई जा रही है.