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आर्थिक संकट के चलते आरबीआई ने इस बैंक लाइसेंस किया रद्द, फंसी जमाकर्ताओं की रकम

भारतीय रिजर्व बैंक ने आर्थिक संकट का सामना कर रहे भाग्योदय फ्रेंड्स अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड अमरावती का लाइसेंस रद्द कर दिया है. आरबीआई का कहना है कि भाग्योदय फ्रेंड्स अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और वह अपने मौजूदा जमाकर्ताओं को पूरी जमा राशि लौटाने में सक्षम नहीं होगा. हालांकि बैंक द्वारा जमा किए गए आंकड़ों के अनुसार 98 फीसदी से अधिक जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से उनकी जमा के आधार पर पूरी रकम मिल जाएगी.

आरबीआई ने सहकारी समितियों और महाराष्ट्र के सहकारी समितियों के आयुक्तों से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक को बंद करने के लिए एक आदेश जारी करें. आरबीआई ने कहा कि बैंक आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रहा है और बैंक की निरंतरता उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए प्रतिकूल है. भाग्योदय फ्रेंड्स अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने गुरुवार से ही बैंकिंग सेवाओं को बंद कर दिया है. बैंक के बंद होने पर, प्रत्येक जमाकर्ता को उनके जमा पर 5 लाख रुपये तक की मौद्रिक बीमित राशि डीआईसीजीसी की ओर से डिपॉजिट बीमा दावा के रूप में प्राप्त होगी.

इसके अलावा घोटाले के आरोपों से घिरे माइक्रो फाइनेंस कंपनी संबंध फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड पर भी लाइसेंस कैंसिल होने का खतरा मंडरा रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने संबंध फिनसर्व का लाइसेंस रद्द करने से पहले माइक्रो फाइनेंस कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. आरबीआई ने संबंध फिनसर्व से पूछा है कि कंपनी के नेटवर्थ में इतनी बड़ी गिरावट आने के बाद क्यों न उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए. दरअसल आरबीआई के नियमों के तहत, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के लिए टियर-1 और टियर-2 के तौर पर एक निश्चत कैपिटल बनाए रखना अनिवार्य होता है.

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