वैश्विक क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनैंस से सरकार की फाइनैंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) इंडिया जल्द ही प्रतिबंध हटा सकती है। एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। एफआईयू संदेहजनक वित्तीय लेनदेन जैसे धनशोधन और आतंकवाद को धन मुहैया कराने से जुड़े मामलों की जांच करती है। बीते मार्च में एफआईयू-इंडिया ने 34.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के बाद विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज क्यूकॉइन से प्रतिबंध हटाया था।
एफआईयू के निदेशक और राजस्व विभाग के अतिरिक्त सचिक विवेक अग्रवाल के अनुसार बाइनैंस के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है और जुर्माने पर फैसला लिया जाना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि एफआईयू के साथ क्रिप्टो एक्सचेंज के पंजीकृत होने के बाद अनुपालन की कार्रवाही पूरी होने पर यह काम कर सकेगा। अग्रवाल के अनुसार क्यूकॉइन और बाइनैंस अब एफआईयू के साथ पंजीकृत हैं। इससे हम लेनदेन पर पूरी नजर रख सकेंगे। इसके साथ ही क्रिप्टो एक्सचेंज की ओर से एसटीआर (संदेहजनक लेनदेन की रिपोर्टिंग) से जुड़ी फाइलिंग शुरू हो जाएगी।
भारत में अवैध ढंग से परिचालन करने के आरोप में 28 दिसंबर, 2023 को एफआईयू इंडिया ने 9 विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजो को नोटिस जारी किया था। इन एक्सचेंजों पर भारत के धनशोधन रोकथाम नियमों के उल्लंघन का आरोप था। आगे चलकर एफआईयू ने इलेक्ट्रॉनिक और सूचना तकनीक मंत्रालय (MeIT) से इन एक्सचेंजों का यूआरएल भारत में ब्लॉक करने का अनुरोध किया था।
उस दौरान जिन क्रिप्टो एकसचेंजों को नोटिस जारी किया गया था उनमें बाइनैंस, हुओबी, क्राकेन, गेट डॉट आईओ, क्यूकॉइन, बिटस्टैंप, एमईएक्ससी ग्लोबल, बिट्रेक्स और बिटफेनेक्स शामिल थे। एफआईयू के निदेशक ने यह भी बताया कि वर्तमान में देश में 46 पंजीकृत क्रिप्टो इकाइयां हैं। क्यूकॉइन और बाइनैंस के बाद ऐसी इकाइयों की कुल संख्या बढ़कर 48 हो जाएगी।