उत्तर कोरिया में खाद्य संकट का असर काफी गंभीर होता जा रहा है. इसके मद्देनजर उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन ने लोगों को कम खाने का फरमान सुनाया है. किम जोंग ने देशवासियों से कहा है कि साल 2025 तक कम खाना खाएं ताकि देश खाद्य संकट से उभर सके.
पिछले काफी समय से उत्तर कोरिया में खाद्य आपूर्ति (Food Crisis in North Korea) कम हो गई है. यहां रहनेवाले लोगों के मुकाबले खाने-पीने की सप्लाई काफी कम हो गई है, जिसके नतीजन खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं.
इसके साथ ही अधिकारियों की तरफ से इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि 2025 से पहले उत्तर कोरिया और चीन के बीच सीमा शुल्क को फिर से बहाल करने की संभावना बहुत कम है.
किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने कुछ समय पहले यहां तक स्वीकार किया था कि देश ‘सबसे खराब स्थिति’ का सामना कर रहा है. इससे पहले अप्रैल में, किम ने सत्ताधारी पार्टी के अधिकारियों से काम और बलिदान का एक और ‘कठिन मार्च’ करने का भी आग्रह किया था.
मौजूदा आर्थिक सकंट को साल 1990 के अकाल और आपदा की अवधि से जोड़ा जा रहा है. दरअसल, सोवियत संघ के पतन के बाद अकाल के दौरान नागरिकों को एकजुट करने के लिए अधिकारियों द्वारा ‘कठिन मार्च’ शब्द अपनाया गया था.