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ढाई वर्ष से सत्ता में ऐसा दल बैठा है जिसका जनसेवा से कुछ लेना देना नहीं: अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार के समय लोकभवन का निर्माण और लोकार्पण हुआ। लोकभवन से लोक प्रशासन चलता है। यहां जनसेवा की नीतियां बनती है। सुशासन का संदेश यहां से जाता है लेकिन यहां तो ऐसा दल ढाई वर्ष से सत्तारूढ़ है जिसे जनसेवा से कुछ लेना देना नहीं। भाजपाई अब सच का सामना नहीं करना चाहते है। दूसरे के कामों का फीता काटने वालों को ध्यान रखना चाहिए कि जनता उनका पत्ता काटने के लिए तैयार बैठी है।


भाजपा सरकार में लोकभवन से अन्यायपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। अत्याचार की पराकाष्ठा यह है कि निर्दोषों का उत्पीड़न किया जा रहा है। सनद रहे कि जो सरकार जनता को दुःख दर्द पहुंचाती है जनता भी लोकतंत्र में समय आने पर अपना निर्णय करने में झिझकती नहीं। भाजपा सरकार ने खुद ही राज्य सभा में कहा है कि एनपीआर ही एनआरसी का आधार होगा तो ये भाजपाई कितना झूठ बोलकर गुमराह करेंगे। इनके छिपे उद्देश्यों का अब भंडाफोड़ हो चुका है। सीएए, एनआरसी, एनपीआर जनता के लिए समस्या बनकर आई है। यह सामाजिक न्याय की अवधारणा के खिलाफ साजिश है। देश की एकता को खण्डित करने वालों की चलाचली की बेला आ गई है।

भाजपा ने उत्तर प्रदेश को बीमारी का घर बना दिया है। आयुष्मान भारत योजना फर्जी है। 70 लाख लोगों को निःशुल्क इलाज कहां से मिल गया जबकि जन औषधि केन्द्रों में पर्याप्त दवाइयां ही उपलब्ध नहीं है। बेहतर सड़क, शिक्षा, परिवहन और चिकित्सा सुविधाएं कहां है? किसानों और नौजवानों की जिंदगी में छाया अंधेरा छांटने के लिए क्या हो रहा है? ये कैसा भ्रमजाल है या तो सरकार भ्रमित है अथवा जनता को भ्रमित करने को अपनी सफलता मानती है।
सुशासन, विकास और सबके विश्वास की बातें तो बढ़-चढ़कर भाजपा नेता करते है पर सच्चाई यह है कि भाजपा में सेवा का संस्कार ही नहीं है। हर व्यक्ति मुश्किल में फंसा है। सुशासन का अर्थ तो सरकारी दखल कम होने का है लेकिन यहां तो दमन के सहारे सत्ता चलाई जा रही है। भाजपा खुद ही जनता के लिए समस्या बन गई है।

प्रधानमंत्री जी ने दावा किया है कि भारत अभूतपूर्व उपलब्धियों के साथ और आत्मविश्वास से भरा हुआ सन् 2020 में प्रवेश कर रहा है। जब अर्थव्यवस्था मंदी से घिरी है, किसानों की आत्महत्या थम नहीं रही है। इस दावें में कोई सच्चाई नहीं है कि किसानों की आय 2022 तक दुगुनी हो जायेगी। मंहगाई चरम पर है, बेरोजगारी बेलगाम है और लोग आशंकाओं से घिरे हो तब कौन सा आत्मविश्वास पैदा होना है? भारत की जनता ने भाजपा की यह चुनौती स्वीकार कर ली है। अब उत्तर प्रदेश की जनता की भी चुनौती है कि वह भाजपा के धोखा का जवाब देगी और उसके साथ किए गए छल को चुनौती देगी।

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