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जमीन पर सोने को मजबूर करोड़पति बेटे का पिता, पैसों के लालच में घर से निकाला

मां बाप अपने बच्चों को बड़े लाड़ प्यार से यह सोच समझकर पालते हैं कि वह आगे चलकर उनके बुढ़ापे का सहारा बनेंगे। लेकिन कई बार बच्चे उनकी अकांक्षाओं पर खरे नहीं उतरते और बच्चे मां बाप को बुढ़ापे में दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर देते हैं। कलयुगी बेटे और गरीब पिता का एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के रायसेन से सामने आया है। जहां 70 वर्षीय हाफिज मसूद के करोड़ पति बेटे ने अपने पिता को दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया। आलम यह है कि हाफिज मसूद ने अब राहगीरों को तहरीर देकर मदद की गुहार लगाई है।

जानकारी के मुताबिक हाफिज मसूद के तीन बेटे थे। इनमें से एक बेटा नाज़ीर जो आज से लगभग 15 वर्ष पहले अजमेर शरीफ से लापता हो गया दूसरा बेटा जावेद की भी लगभग 14 साल पहले किसी बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी। हाफिज मसूद के तीसरा बेटा जो भैया के नाम से मशहूर है उसने हाफिज मसूद को घर से बेघर कर दिया।

आज हाफिज मसूद रायसेन नगर पालिका के पीछे भूरा चाय वाले के ठेले के पास कड़कड़ाती सर्दी में सोने को मजबूर है। हाफिज मसूद की हालत बहुत ही नाज़ुक मोड़ पर आ चुकी है। स्थानीय निवासियों का कहना है हम लोग उनके बेटे के पास गए तो उसने अपने पिता को साथ रखने से साफ साफ मना कर दिया।

हाफिज मसूद ने अपने बच्चों का लालन पालन करते समय अन्य अभिभावकों की तरह यही सोचा होगा कि बुढ़ापे में उनके पास एक नहीं तीन-तीन लाठियां होंगी जो उन्हें जीवन के अंतिम क्षण तक सहारा देंगी। समय का ऐसा चक्र घूमा कि जिन बेटों को उन्होंने अपने बुढ़ापे की लाठी समझकर दिन रात कड़ी मेहनत करते हुए पालपोस कर बड़ा किया, उन्हीं बेटों में से एक को ऊपर वाले ने अपने पास बुला लिया और दूसरे को इस दुनिया की भीड़ ने छीन लिया और तीसरे कलयुगी बेटे ने उन्हें दर दर की ठोकरें खाने को छोड़ दिया।

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