चतुरी चाचा ने प्रपंच का श्रीगणेश करते हुए कहा- सगरी दुनिया बारूद क ढेर प बैठी हय। तिसरे बिस्स युद्ध की चिंगारी सब स्वाहा कय डारिस। काहे ते जौने देस क द्याखव वहय बिनासकारी हथियार ते लैस हय। पाकिस्तान जइस भिखमंगहा देस परमानु बम पय इतराय रहा। हथियारन के दम पय अमरीका दादागिरी कय रहा। चीन पड़ोसिन का आपन फऊजी ताकत द्याखाय रहा। उत्तरी कोरिया बौरान घूमि रहा। मुस्लिम देसन म आतंकी संगठन कोहराम मचाय हयँ। मुस्लिम आतंकी हमरे भारत पय हमला करि रहयँ। रूस कयू साल ते आपन सैन्य शक्ति द्याखाय रहा। रूस पहिले जार्जिया अउ क्रीमिया प कब्जा जमाइस अउ अब ऊक्रेन का खाय रहा। रूसी फउज चारिन दिन माहिं ऊक्रेन की राजधानी कीव प काबिज हुइगै। सगरी दुनिया तमाशा द्याखत रहिगै। कौनव देस ऊक्रेन केरी लड़ाई म शामिल नाइ भवा। इ घटना ते लागत हय कि दुनिया म अब छोटे अउ कमजोर देसन क्यार वजूदय न बची।
मैं आज जब प्रपंच चबूतरे पर पहुँचा तो ककुवा, कासिम चचा, मुंशीजी, बड़के दद्दा आपस में खुसुर-फुसर कर रहे थे। चतुरी चाचा अख़बार उलट-पलट रहे थे। पुरई पशुओं को चारा-पानी दे रहे थे। गांव के बच्चे खेत में क्रिकेट खेल रहे थे। आज सुबह मौसम बहुत अच्छा था। पछुवा हवा प्रपंच चबूतरे की पंचवटी को झकझोर रही थी। मेरे चबूतरे पर विराजते ही चतुरी चाचा ने प्रपंच का आगाज़ कर दिया। चतुरी चाचा रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़े चिंतित थे। उनका कहना था कि समूचा विश्व विध्वंसक हथियारों से लैस है। बड़े ताकतवर देश अपने पड़ोस के छोटे कमजोर देशों पर बुरी नीयत रखते हैं। एक दूसरे को परमाणु बम की धमकियाँ दी जा रही हैं। कई मुस्लिम आतंकी संगठन भी खतरनाक हथियारों से लैस हैं। एक तरह से सारी दुनिया बारूद के ढेर पर बैठी है। अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो मानव जाति पूरी तरह तबाह हो जाएगी। रूस अपने निहित स्वार्थों के चलते यूक्रेन को तबाह किये दे रहा है। यूक्रेन की सैन्य मदद कोई देश नहीं कर रहा है। यह हालत देखकर लगता है कि अब छोटे देशों का अस्तित्व खतरे में है। बड़े ताकतवर देश जब चाहेंगे। तब छोटे देशों की सम्प्रुभता खंडित कर देंगे। यह प्रवृत्ति विश्व की शांति एवं मानवता के लिए खतरनाक है।
ककुवा ने चतुरी चाचा की चिंता को जायज़ ठहराते हुए कहा- चतुरी भइय्या, काल्हि टीविम बतावत रहे कि रूस कबहुँ सोवियत संघ रहय। फिरि यु सामवादी देस टुकड़े-टुकड़े हुइगा। रूस ते अलग भये देसन प अमरीका डोरा डारय लाग। कुछु देस नाटो अउ उरोपियन यूनियन म शामिल हुइगे। ऊक्रेन नाटो ते जुड़य खातिन बेछपित रहय। रूस इ बाति ते बड़ा नाराज चलि रहा रहय। अमरीका अउ रूस कय दुश्मनी जगजाहिर हय। ऊक्रेन का नाटो अउ यूरोपियन यूनियन ते जौनु लाभ मिलत उ मिलत। मुला, इहिते अमरीका क बड़ा लाभ मिलतय।
अमरीकक फउजय ऊक्रेन म अड्डा बनाय क रूस केरी छाती होरा भुंजती। तबहिन रूस ऊक्रेन पय हमला किहिस हय। रूस हुवां आपन मनमाफिक सरकार चाहत हय। जिहिते ऊक्रेन कबहुँ नाटो अउ यूरोपियन यूनियन म शामिल न होय। पुतिनवा क हमलावर रुख देखि कय लागत हय कि उई सोवियत संघ क्यार सपना फिरि ते साकार कीन चाहत हयँ। रूसी राष्ट्रपति पुतिन याक दईं फिर हंसिया-हथौड़ा वाला कम्युनिस्टी झंडा फहरावा चाहत हयँ। हमरे बिचार ते रूस अउ चीन कय विस्तारवादी नीति सगरी दुनिया प भारी परी। इ तिनकी घटनन ते तिसरे बिस्स युद्ध केरी आशंका हय। जौ बिस्स युद्ध होई, तौ बड़ा बिनास होई। दुनिया कोरउनवा महाब्याधि ते जूझि रही। अइसे म युद्ध छिड़ गवा हय। सोचय वाली बाति या हय कि मंहगाई अउ बेरोजगारी केर आलम का होई?
इसी बीच चंदू बिटिया हम प्रपंचियों के लिए जलपान लेकर आ गई। आज जलपान में तेल में तली हुई लिट्टी और आलू-बैंगन का चटपटा चोखा था। साथ में, स्पेशल कुल्हड़ वाली चाय थी। प्रपंचियों ने लिट्टी-चोखा ख़ाकर इंडिया मार्क-टू का ताजा पानी पीया। फिर चाय के साथ चर्चा आगे बढ़ी।
मुंशीजी ने बताया- रूस-यूक्रेन युद्ध से भारत बड़ी मुश्किल में है। एक तरफ रूस से भारत की पुरानी दोस्ती है। दूसरी तरफ अमेरिका सहित यूरोपीय देशों से भी भारत के मधुर सम्बन्ध हैं। भारत तटस्थता रहकर दोनों पक्षों से शांति की अपील ही कर सकता है। इस युद्ध से भारत के सामने एक और बड़ी समस्या खड़ी है। भारत के 20 छात्र-छात्राएँ और नागरिक यूक्रेन में फंसे हैं। भारत अपने नागरिकों को स्वदेश लाने के मिशन में जुटा है। मोदीजी ने पुतिन से टेलीफोन पर वार्ता भी की है। उधर, यूक्रेन ने भारत से युद्ध रोकने में मदद मांगी है। इस महायुद्ध के कारण भारत सहित पूरे विश्व में महंगाई बढ़ना निश्चित है। बहरहाल, अभी इस महासंग्राम से अमेरिका सहित सभी यूरोपीय देश दूरी बनाए हैं। नाटो व यूरोपियन यूनियन रूस पर आर्थिक शिकंजा जरूर कस रही है। लेकिन, रूस इन प्रतिबन्धों को दरकिनार कर यूक्रेन को तबाह करने में जुटा है। यूक्रेन बेचारा रूस जैसी महाशक्ति से अकेले जूझ रहा है। पूरी दुनिया तमाशबीन बनी है।
कासिम चचा ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- यूपी में विधानसभा चुनाव का पांचवां चरण आ गया है। आज पूर्वांचल के 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान हो रहा है। सपा, बसपा व कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी चुनौती पेश की है। पिछले चार चरणों में सपा गठबंधन ने शानदार लड़ाई लड़ी है। पूर्वांचल में अखिलेश यादव ने पूरा जोर लगा रखा है। हालांकि, भाजपा ने योगीजी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। प्रधानमंत्री मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ, गृहमंत्री शाह व भाजपा अध्यक्ष नड्डा रात-दिन एक किये हैं। बसपा की सुप्रीमो मायावती व कांग्रेस की महासचिव प्रियंका यूपी के रण को धार देने में जुटी हैं। भाजपा नेता भी समझ गए हैं कि इस चुनाव उन्हें भारी नुकसान होने जा रहा है। तभी भाजपा ने विकास के बजाय धर्म के मुद्दे को आगे किया है। यूपी में अभी दो चरणों का मतदान बाकी है। आगामी 10 मार्च को यूपी सहित पँजाब, उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर के भाग्य का फैसला सामने आएगा। यह चुनाव एक तरह से अगले लोकसभा चुनाव का सेमी फाइनल है। इसीलिए हर राजनैतिक दल खून-पसीना बहा रहा है।
बड़के दद्दा ने कासिम चचा की बातों का प्रत्युत्तर देते हुए कहा- चचा, देख लेना। पांचों राज्यों में कांग्रेस की पराजय होगी। रही बात यूपी की तो यहां भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार फिर बनाएगी। सपा तमाम दलों से गठबंधन करने के बाद भी यह जंग जीतने की स्थिति में नहीं है। वहीं, बसपा कहीं भी लड़ाई में नहीं है। जनता योगी-मोदी की मुरीद है। इस बार तो भाजपा को मुस्लिम मतदाताओं का भी समर्थन मिल रहा है। इस चुनाव में जाति/धर्म की राजनीति करने वालों की खाट खड़ी हो जाएगी। क्योंकि, लाखों लाख लाभार्थी भाजपा की ‘बैक बोन’ बन गए हैं। ये लाभार्थी जाति/धर्म से ऊपर उठकर वोटिंग कर रहे हैं। क्योंकि, इनको आगे भी पानी, बिजली, रसोई गैस, राशन, आवास, स्मार्टफोन, स्कूटी, नकद मदद व शौचालय इत्यादि का लाभ लेना है। दूसरे भाजपा ने सुरक्षा का बेहतरीन माहौल देकर सबका मन मोह लिया है। आगामी 10 मार्च को विपक्षियों के मुंह पर ताला लग जायेगा।
मैंने हमेशा की तरह वैश्विक महामारी कोरोना का अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक 43 करोड़ 35 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इनमें साढ़े 59 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह भारत में चार करोड़ 29 लाख से अधिक लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। देश में अबतक पांच लाख 13 हजार से ज्यादा लोग बेमौत मारे जा चुके हैं। हालांकि, नए मरीजों की दैनिक संख्या बहुत कम है। भारत में आम जीवन अब पटरी पर आ गया है।
भारत की 80 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को कोरोना के दोनों टीके लग चुके हैं। देश में 15 से 18 वर्ष आयु के बच्चों को कोरोना टीके की पहली डोज लग गई है। वहीं, ज्यादातर कोरोना योद्धाओं और बुजुर्गों को बूस्टर डोज दी जा चुकी है। एक मार्च से 12 से 15 वर्ष आयु वाले बच्चों को भी वैक्सीन दी जाएगी। बहरहाल, हम सबको भीड़ से दूर रहने और मास्क लगाकर बाहर निकलने की जरूरत है। तभी हम सब कोरोना जैसी घातक महामारी से बचे रहेंगे।
इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही के साथ फिर हाजिर रहूँगा। तब तक के लिए पँचव राम-राम!