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‘भारत में निवेश बढ़ाना चाहते हैं जर्मन व्यवसायी’, राजदूत फिलिप एकरमैन ने बताई क्या है मुख्य वजह

जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में कहा कि जर्मन व्यवसायी निवेश के लिए भारत को एक स्थिर क्षेत्र के रूप में देखते हैं। जबकि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते के तहत कर और टैरिफ मसलों को हल करने के बाद भारत में जर्मन निवेश में वृद्धि की उम्मीद है। फिलिप एकरमैन ने आगे बताया कि इस साल अक्टूबर के महीने में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज भारत के संभावित दौरे पर आ सकते हैं। इस दौरान व्यवसाय और व्यापार संबंध मुख्य एजेंडा हो सकता है। एकरमैन ने बताया कि प्रवासन भी इस दौरान चर्चा का मुख्य मुद्दा होगा।

‘80% जर्मन व्यवसायी भारत में करना चाहते हैं निवेश’
वही जर्मन इंडिया बिजनेस आउटलुक 2024 सर्वेक्षण के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए, एकरमैन ने कहा, सर्वेक्षण ने हमें ये आभास दिया है कि भारत में जर्मन व्यवसायी भारत को लेकर बेहद उत्साहित हैं। सर्वेक्षणों में पाया गया कि लगभग 80% जर्मन व्यवसायी अपने व्यवसायों का विस्तार करना चाहते हैं, फिर से निवेश करना चाहते हैं, अधिक कारखाने बनाना चाहते हैं और भारत में अधिक निवेश करना चाहते हैं।

भारत की विकास दर बहुत प्रभावशाली- एकरमैन
राजदूत एकरमैन ने कहा, जर्मनी के व्यवसायी भारतीय बाजार में अपार संभावनाएं देखते हैं। उन्हें भारत की विकास दर बहुत प्रभावशाली दिखती है। जिससे वे बहुत खुश हैं। और हालिया लोकसभा चुनाव के बाद फिर से, उन्हें निवेश के लिए भारत बहुत स्थिर और बेहतर जगह लगती है। इस दौरान फिलिप एकरमैन ने लंबे समय से लंबित भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को गेम चेंजर भी बताया। उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कोई विशिष्ट समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, उन्होंने कहा कि इसमें कुछ समय लगेगा।

एकरमैन ने एफटीए को बताया गेम चेंजर
एकरमैन ने आगे कहा कि एफटीए संबंध बहुत जटिल है और इसमें समय लगता है। हमने अब नौवां दौर देखा है, अगर मैं गलत नहीं हूं, जो अभी एक या दो दिन पहले ही समाप्त हुआ है। हम बातचीत की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा हमें लगता है कि एफटीए हमारे व्यवसाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है; अगर यह गेम चेंजर है तो यह और भी महत्वपूर्ण होगा।

अक्टूबर में भारत के दौरे पर आएंगे जर्मन चांसलर
वहीं जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज की संभावित भारत दौरे के बारे में भी जानकारी देते हुए, उन्होंने कहा कि चांसलर दिल्ली की यात्रा करेंगे और उनके साथ जर्मन मंत्रियों समेत उनके मंत्रिमंडल के कुछ लोग भी आएंगे और अपने भारतीय समकक्षों के साथ बैठक कर आने वाले कार्यक्रमों और परियोजनाओं और रोडमैप को विकसित करेंगे। हालांकि उनके दौरे की तारीख तय नहीं है, लेकिन ये अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में किसी समय हो सकता है।

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