समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि झांसा दर झांसा भाजपा का एजेण्डा है। आखिर रोजगार देने के भाजपाई दावों का क्या हो रहा है? नौजवान कब तक रोजगार के झांसे में रहेंगे? पहले बैंकिंग सेक्टर को संकट में फंसा दिया अब उसको उबारने की घोषणा निरर्थक एक्सरसाईज नहीं तो क्या है? दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और गौमाता को संरक्षण देने की स्थिति यह है कि सरकारी संरक्षण में रोज गायों की मौत हो रही है। आवारा पशु खेत चर रहे हैं। जीवन बीमा निगम, एयर इण्डिया और रेलवे से सरकार हाथ खींच रही है। भाजपा सरकार की नीतियों के कारण अन्नदाता को ऊर्जाविहीन बनाया जा रहा है।
मंहगाई पर कोई नियंत्रण नहीं है। उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं। बाहरी निवेश आ नहीं रहा है। नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर सृजित नहीं हो रहे हैं। भारत में एक प्रतिशत अमीरों के पास 70 प्रतिशत आबादी की 4 गुना दौलत बंधक है। देश के 63 अरबपतियों की सम्पत्ति तो भारत के एक साल के बजट से भी अधिक है। देश में एक टाप सीईओ साल में जितना कमाता है उतना हासिल करने में घर की मेड को 22,277 साल लग सकते हैं। स्पष्ट है, भाजपा राज में अमीर ही और अमीर हो रहे हैं। गरीबी हटाओं का अर्थ गरीब को हटाओं हो गया है।
भाजपा सरकार के राज में कौन सी अर्थव्यवस्था है जिससे आम नागरिक का कोई भला नहीं हुआ है। किसान, गरीब, गांव-खेती, छोटा कारोबारी, छात्र-छात्राएं सभी तो भाजपा के धोखे के शिकार हैं। आयुष्मान योजना का क्या हुआ? अस्पतालों में दवाएं नहीं हैं, जिन दवाओं के दाम घटाने के वादे हुए वे भी वादे लागू नहीं हुए। योजनाओं के विचित्र नाम रखकर जनता को भ्रमित करने का काम ही यह भाजपा सरकार कर रही है तभी किसान उड़ान, विजन, डिजिटल क्रांति जैसी शब्दावाली चल रही हैं।
जनसाधारण को सस्ती, सुविधाजनक यात्रा की सुविधा देने की परवाह नहीं, प्रधान मंत्री जी तेजस जैसी मंहगी 150 ट्रेने चलाने जा रहे हैं। जनता की उम्मीदों पर पानी फेरने वाली भाजपा है। उसकी जनविरोधी नीतियों से लोग बुरी तरह असंतुष्ट और आक्रोशित हैं। यह आक्रोश देश के विभिन्न भागों में फैल चुका है। स्पष्ट है कि अब भाजपा से जनता का मोहभंग हो गया है और उसके गिने-चुने दिन रह गए हैं।