पटना। गायघाट स्थित निशांत बालिका गृह में “हौसला सिलाई सेंटर” का उद्घाटन मुक्ता मोहिनी, कार्यक्रम प्रबंधक राज्य बाल संरक्षण समिति, गार्गी साहा, बाल संरक्षण अधिकारी यूनिसेफ एवं निशांत बालिका गृह की बालिकाओं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। 17-वर्षीया बरखा (बदला हुआ नाम) ने कहा, मैं डिज़ाइनर बनाना चाहती हूँ और सिलाई सीखने से इस सपने को पूरा करने का अवसर मिलेगा।
इस सेंटर को यूनिसेफ बिहार के सहयोग से राज्य में आफ्टर केयर पर कार्य कर रही पार्टनर संस्था उदयन केयर, नई दिल्ली द्वारा स्थापित किया गया है। इस केंद्र में बालिकाओं के प्रशिक्षण के लिए 4 सिलाई मशीन की व्यवस्था की गयी है। तीन महीने के इस कोर्स के दौरान दोनों गृहों की बालिकाएं एवं युवतियां प्रमुख सिलाई मशीन कंपनी उषा के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी और उनको प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा।
कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार एवं उड्यन केयर, नयी दिल्ली की मैनेजिंग ट्रस्टी किरण मोदी एवं उनकी टीम वर्चुअल रूप से शामिल हुए। निदेशक समाज कल्याण ने वीडियो कॉल के माध्यम से बालिकाओं से बात की तथा उन्हें शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि विभाग बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पित हैं। बालिकाओं को अलग अलग प्रकार के कौशल विकास प्रशिक्षण से जोड़ा जा रहा है।
हौसला सिलाई सेंटर इसी का परिणाम है। बहुत जल्द बालिकाओं को कंप्यूटर सीखने की व्यवस्था की जाएगी।
गार्गी साहा ने बालिकाओं को प्रोत्साहित कहते हुए उन्हें आफ्टर केयर परियोजना के बारे में बताया एवं कहा कि पटना एवं गया जिले में बाल गृहों में रहने वाले 200 से अधिक बच्चों एवं युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। उनकी शैक्षणिक योग्यता, रुचि और कौशल क्षेत्रों के अनुसार उनके लिए प्रासंगिक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पहचान की गयी है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
किरण मोदी ने कहा कि “हौसला स्टिचिंग सेंटर- सपनों से मंजिल तक का सफर” राज्य में कई महीनों के सहयोगात्मक कार्य का परिणाम है। हम यह आशा करते हैं कि कोर्स करने वाली लड़कियां प्रोफेशनल सिलाई के उन्नत कौशल सीखेंगी ताकि अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।
इस अवसर पर संगीता कुमारी, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति पटना, मुकुल कुमार, बाल संरक्षण अधिकारी पटना डीसीपीयू एवं निशांत की अधीक्षिका ऊषालता एवं उत्तर रक्षा गृह की अधीक्षिका वंदना सिन्हा मौजूद थे।