आज पूरे दुनिया भर में बालिका दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि लड़कियों को नेतृत्व करने के समान अवसर मिलें और उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल किया जाए। केवल नारे लगाने से वास्तविकता में बदलाव नहीं आ सकता है। खड़गे ने कहा कि सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रगति हासिल करने के लिए लैंगिक समानता और न्याय आवश्यक है।
‘लड़कियों को नेतृत्व के मिले समान अवसर’ अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बोले खड़गे
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बालिकाओं का मनोबल बढ़ाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुव खगड़े ने कहा कि इस साल #DayOfTheGirl का थीम भविष्य के लिए लड़कियों का दृष्टिकोण है, जो लड़कियों की आवाज़ और भविष्य के लिए दृष्टिकोण की शक्ति से प्रेरित तत्काल कार्रवाई और निरंतर आशा दोनों की आवश्यकता को दर्शाता है।
केवल नारे लगाने से नहीं होग बदलाव- खड़गे
मल्ल्कार्जुन खड़गे ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लड़कियों को बदलाव की अग्रिम पंक्ति में रखकर, उनकी आवाज़ को बुलंद करके, उनकी ज़रूरतों पर प्रतिक्रिया देकर और उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करके नेतृत्व करने का समान अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि केवल नारे लगाने से वास्तविकता में बदलाव नहीं आ सकता है। लड़कियों की बात सुनना, सिद्ध समाधानों में निवेश करना महत्वपूर्ण है, जो भविष्य की ओर प्रगति को गति देगा, जिसमें हर लड़की अपनी क्षमता को पूरा कर सके।
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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों है खास?
चलिए आपको बताते है कि अंतररारष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों खास है और इसकी शुरूआत कैसे हुई। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है। बालिका दिवस मनाने का लक्ष्य लड़कियों के अधिकारों और उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए समर्पित है। इसके साथ ही लड़कियों के मुद्दों पर जागरूकता के साथ-साथ इस दिवस का उद्देश्य लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के अधिकारों पर प्रकाश डालना है। बता दें कि इसकी शुरुआत 2012 में की गई थी।