लगभग पांच वर्ष पूर्व पाकिस्तान से वापस अपने देश लौटी गीता को अब भी अपने घर की तलाश है. 28 वर्षीय गीता ना सुन सकती है और ना ही अपनी बात कह सकती है, किन्तु फिर भी वो अपने परिवार को खोजने के लिए कभी महाराष्ट्र तो कभी तेलंगाना के चक्कर काट रही है.
गीता निरंतर महाराष्ट्र के जालना, औरंगाबाद, तेलंगाना के शहरों में अपने मां-बाप को खोज रही है. जहां से उसके घर का नाता रहा है, किन्तु उसे अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिल सकी है. हालांकि, इस काम में उसकी काफी लोग सहायता भी कर रहे हैं, फिर चाहे स्थानीय निवासी हो या फिर सामाजिक कार्यकर्ता.
बता दें कि जब गीता 8 साल की थी, तब गलती से समझौता एक्सप्रेस में बैठकर पाकिस्तान चली गई थी. किन्तु वर्ष 2015 में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कोशिशों से गीता वापस तो आ गई, लेकिन आज तक उसका अपने मां-बाप से मिलने का सपना अधूरा ही है.
भारत वापस आने के बाद गीता को मध्य प्रदेश के इंदौर में रखा गया, तब शुरू हुई मां-बाप और अपने घर की खोज आज तक चल रही है. दरअसल, ये भी तकनीक के जरिए स्पष्ट हो गया है कि गीता का परिवार महाराष्ट्र-तेलंगाना सीमा के आसपास कहीं हो सकता है. तभी खोजबीन शुरू की गई, मध्य प्रदेश के DGP ने सभी राज्यों की पुलिस को गीता के परिवार को ढुंढवाने में सहायता करने की अपील भी की है.