UP Board के रिजल्ट पर सीएम योगी आदित्यनाथ के फैसलों का बेहतर असर दिखाई पड़ा। जिसमें छात्र काफी उत्साहित और खुश दिखाई पड़े। सख्ती के चलते जहां जुगाड़ काम नहीं कर सका तो वहीं पर मेहनत करने वाले बच्चों को अपने भविष्य को लेकर बनाई गई संभावनाओं के सपने पूरे होते दिखाई पड़े। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में इस बार भी लड़कियों ने बाजी मारी है। हाईस्कूल में कुल 36 लाख 56 हजार 272 छात्रों में से लगभग 23 लाख छात्र पास हुए हैं। जबकि इंटरमीडिएट में लगभग 30 लाख छात्रों में से करीब 19 लाख छात्र सफल रहे। हालांकि इस बार पिछले साल के मुकाबले 10वीं का रिजल्ट 6% और 12वीं का रिजल्ट 10% कम रहा। लेकिन इससे हटकर यूपी बोर्ड 2018 की परीक्षा कई मायनों में अलग मुकाम हासिल कर चुकी है।
UP Board, नकल विहीन हाईटेक अभियान के अंतर्गत संपन्न परीक्षा
इस बार की परीक्षा सीएम योगी के कई बड़े फैसलों पर केंद्रित रही। जिसमें नकल विहीन हाईटेक अभियान चलाया गया था। जिसके लिए कई एजेंसियों के साथ ही डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने खुद इसकी कमान संभाली थी। जिससे नकल के भरोसे रहने वाले छात्र पहले ही परीक्षा छोड़ भागे। सख्ती के कारण बीच में ही परीक्षा छोड़ने वालों में लगभग 12 लाख परीक्षार्थी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस बार 99 प्रतिशत नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराई गई है।