हमारे सनातन धर्म की पूजा-पद्धति में Tilak तिलक का विशेष महत्व है। बिना तिलक धारण किए कोई पूजा सफल नहीं मानी जाती। ऐसे में हमेशा ये दुविधा बनी रहती है की किस उंगली से तिलक लगाना चाहिए।
जानें Tilak और उंगली का सम्बन्ध
शास्त्रों में Tilak तिलक का विशेष महत्व है। खासकर ब्राह्मणों के लिए तो तिलक धारण करना अनिवार्य है। बिना तिलक किए हुए ब्राह्मण का मुख देखना अशुभ माना गया है। शास्त्रों में तिलक धारण के करने के नियम व मंत्र बताए गए हैं। आइये जानते हैं किस उंगली का क्या महत्त्व है तिलक लगाने में –
- अंगुष्ठ (Thumb)– दाहिने हाथ के अंगूठे से अतिथि को तिलक किया जाता है।
- तर्जनी (Index Finger)– दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली से पितृगणों को अर्थात् पिण्ड को तिलक किया जाता है।
- मध्यमा (Middle Finger)– दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली से स्वयं तिलक धारण किया जाता है।
- अनामिका (Ring Finger)– दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली से भगवान व देवों को तिलक किया जाता है।
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