भारत में जल्द ही अब आप बल्क में विदेश से लैपटॉप मंगा सकेंगे. अभी तक सरकार ने इस पर रोक लगाई हुई थी. केंद्र सरकार ने ये रोक अगस्त में लगाई थी, जिसे तत्काल लागू कर दिया गया था.
इस नियम को लागू करने के पीछे सरकार की मंशा भारत में ही हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर डेवलप को बढ़ावा देना था. लेकिन लैपटॉप इंडस्ट्री और वॉशिंगटन की ओर से इसकी आलोचना की गई, जिसके बाद सरकार अब अपना फैसला जल्द ही बदल सकती है.
रॉयटर की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार के व्यापार सचिव सुनील बर्थवाल ने बताया कि लैपटॉप पर भारत में कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया, बल्कि सरकार केवल यह चाहती है कि लैपटॉप के आयात पर कड़ी जनर रखी जाए. आपको बता दें सरकार के लैपटॉप आयात पर प्रतिबंध के बाद लैपटॉप इंडस्ट्री को भारी नुकसान उठाना पड़ा था.
लैपटॉप आयात के लिए लाइसेंस की आखिरी तारीख थी 31 अक्टूबर
सरकार ने जब लैपटॉप के आयात पर प्रतिबंध लगाया था, तब इसके आयात के लिए लाइसेंस के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया गया था. विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कहा था कि ये आदेश 1 नवंबर 2023 तक देश में लागू होगा.
अक्टूबर में आ सकता है नया आदेश
3 अगस्त को घोषित आयात लाइसेंसिंग व्यवस्था का उद्देश्य “विश्वसनीय हार्डवेयर और सिस्टम को सुनिश्चित करना” भारत में प्रवेश करना था, लेकिन उद्योग की आपत्तियों और वाशिंगटन की आलोचना के बाद इसमें तीन महीने की देरी हुई. इसका असर Dell, HP, Apple, Samsung और Lenovo जैसी कंपनियों पर पड़ेगा. विदेश व्यापार महानिदेशालय संतोष कुमार सारंगी ने कहा कि सरकार उद्योग के साथ परामर्श कर रही है और लैपटॉप आयात पर एक नया ऑर्डर अक्टूबर के अंत तक घोषित किया जाएगा, लेकिन अधिकारियों ने नई योजनाओं के बारे में ब्योरा नहीं दिया.
चीन से होता है सबसे ज्यादा आयात
लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर और टैबलेट समेत जिन सात आइटमों के आयात रोके गए हैं, उनका 58 फीसदी चीन से आता है. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत में इनका आयात 8.8 अरब डॉलर का था. इनमें से अकेले चीन की हिस्सेदारी 5.1 अरब डॉलर की थी.