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कौशल विकास से स्वावलंबन : योजनाओं का प्राथमिकता के आधार पर सरकार का क्रियान्वयन सुनिश्चित

उत्तर प्रदेश। सरकारी सेवाओं की संख्या सीमित होती है। इसमें सभी युवाओं का समायोजन असंभव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वप्रथम स्वरोजगार की व्यापक कार्य योजना बनाई। इसके अंतर्गत कौशल विकास, मुद्रा योजना जैसी अनेक योजनाएं लागू की गई। पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी अदित्यनाथ ने इन सभी योजनाओं का प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया।

कौशल विकास से स्वावलंबन : योजनाओं का प्राथमिकता के आधार पर सरकार का क्रियान्वयन सुनिश्चित

एमएसएमई, ओडीओपी, एनआरएलए, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना, कौशल विकास मिशन, खादी ग्रामोद्योग तथा मनरेगा के माध्यम से रोजगार सृजन के कार्यों में तेजी लायी गई। ग्राम स्तर पर काॅमन सर्विस सेण्टर को मजबूत बनाया गया। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और कौशल विकास मिशन के तहत विभिन्न ट्रेडों में व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण दिलाए जाने की व्यवस्था की गई।

महिला समूहों को अचार, पापड़, पत्तल आदि बनाने के लिए सहयोग प्रदान किया जा रहा है। खादी के क्षेत्र में सोलर चरखों का संचालन, सोलर लूम स्थापित कर व्यापक प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई। दुग्ध समितियों का गठन कर डेरी उद्योग को भी सुदृढ़ किया जा रहा है।

उत्पादों की गुणवत्ता और उनकी मार्केटिंग डिजाइनिंग और ब्राण्डिंग करते हुए उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया गया। प्रदेश के कई क्षेत्रों में फूलों की उपज होती है। इसे भी रोजगार से जोड़ने का कार्य किया गया।फूलों की खेती को इत्र,धूपबत्ती अगरबत्ती आदि बनाकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।

मोबाइल रिपेयरिंग के सम्बन्ध में भी प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार सृजित किया जा रहा है। इस संदर्भ में राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि प्रौद्योगिकी में व्यापक बदलाव हो रहा है। ऐसे में आने वाले वर्षों में कुशल लोगों की मांग तेजी से बढ़ेगी। इसलिए हमारे युवाओं को अपने कौशल को और निखारने का प्रयास अनवरत करना चाहिए।

युवा कौशल विकास के जरिए खुद को और देश को आत्मनिर्भर बना सकते है। आनंदीबेन पटेल नई दिल्ली में एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री ऑफ इण्डिया एसोचैम के पन्द्रहवें अन्तर्राष्ट्रीय एजूकेशन एण्ड स्किल डेवलपमेन्ट समिट में सम्मलित हुई।

उन्होंने एसोचैम संगठन से युवाओं के कौशल विकास को बढ़ाने में योगदान देने का आह्वान किया। कहा कि आज प्रत्येक क्षेत्र में भारत के युवा अपना परचम लहराने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्किल इण्डिया मिशन को गति प्रदान करनी होगी। दुनिया के लिए एक स्मार्ट और कुशल श्रम समाधान भारत दे सके, यह हमारे नौजवानों की कौशल रणनीति के मूल में होना चाहिए।

नई शिक्षा नीति में पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही विद्यार्थियों को स्कूल और उच्च शिक्षा में व्यावसायिक और कौशल शिक्षा के पाठ्यक्रमों से दीक्षित किए जाने पर जोर दिया गया है। नई शिक्षा नीति नई पीढ़ी को सुनहरे भविष्य की ओर ले जाने में समर्थ है। इसलिए शैक्षिक संस्थान विद्यार्थियों के कौशल विकास को प्राथमिकता देकर उन्हें उद्यमिता के लिये तैयार करना चाहिए।

रिपोर्ट -डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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