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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का बच्चों को सुझाव

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में एक विद्यालय के बच्चों से संवाद किया. लेकिन यहां उन्होंने जो सुझाव दिए वह सभी बच्चों के लिए लाभप्रद है. इसमें परिवार और समाज के प्रति दायित्व बोध का समावेश था. इनसे विद्यार्थियों में सामाजिक संस्कार जागृत होते हैं. पर्यावरण के प्रति चेतना का विकास होता है. राज्यपाल ने कहा कि बच्चे केवल होम वर्क पर ही आश्रित न रहें बल्कि उनकी सहभागिता वृक्षारोपण, स्वच्छता जल संरक्षण तथा विभिन्न प्रकार के हुनर से जुड़ी गतिविधियां में भी होनी चाहिए।

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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का बच्चों को सुझाव

शिक्षा नीति में पांचवीं क्लास तक की शिक्षा मातृभाषा में देने की व्यवस्था है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति जितनी अच्छी तरह से अपनी मातृभाषा में समझ सकता है उतना किसी अन्य भाषा में नही। छठी क्लास से बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार कुटीर उद्योग,खेती किसानी,वृक्षारोपण, संगीत, पेंटिंग,योग आदि की शिक्षा भी देनी चाहिए। क्योंकि नई शिक्षा नीति रूचिपूर्ण शिक्षा पर बल देती है।

राज्यपाल ने शिक्षकों को भी सुझाव दिया.कहा कि वे विद्यार्थियों को अपनी व्यवस्थित दिनचर्या की भी शिक्षा दें. सेवाभाव सिखायें ताकि वे अपना कार्य स्वयं करें. अपने माता पिता के कार्यों में भी सहयोगी बनें। राज्यपाल ने विद्यालय प्रबन्धन को भी सुझाव दिया.कहा कि प्रबंधन को बच्चों को शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अन्य सामाजिक सरोकारों से जुड़ी गतिविधियों में भी शामिल करना चाहिए।

रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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