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शिक्षण संस्थानों के कुलपतियों को राज्यपाल का प्रोत्साहन

लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कुलपतियों को संस्थान की बेस्ट प्रैक्टिसेस, एल्युमुनाई नेटवर्क और विद्यार्थियों को प्राप्त सुविधाओं के गहन विश्लेषण के साथ जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे वहां की अच्छी व्यवस्थाओं का उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी क्रियान्वयन कराया जा सके।

शिक्षण संस्थानों के कुलपतियों को राज्यपाल का प्रोत्साहन

आनंदीबेन पटेल ने अपने चण्डीगढ़ भ्रमण के दौरान उत्तर प्रदेश के नौ विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ इण्डियन स्कूल ऑफ बिजनेस मोहाली तथा चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय – मोहाली का भ्रमण किया। चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय मोहाली नैक द्वारा ‘ए प्लस’ श्रेणी में वर्गीकृत हैं, जबकि इण्डियन स्कूल ऑफ बिजनेस, मोहाली अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च रैंकिंग प्राप्त संस्थान है। राज्यपाल के साथ आए प्रदेश के कुलपतिगण इन संस्थानों की व्यवस्थाओं का अध्ययन करने गए हैं। जिससे वहां पर जो अच्छी व्यवस्थाएं हैं, उन्हें अपने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में लागू कराया जा सके।

उन्होंने शोध प्रयोगशालाओं, इन्फ्रास्ट्रक्चर, परिसरों का निरीक्षण, छात्रावासों एल्युमनी परिसर मैनेजमेंट सहित उष्मायन केन्द्र सेन्टर तथा पी.एच.डी. विभाग सभी प्रमुख व्यवस्थाओं का अवलोकन किया और विद्यार्थियों से इसके अलावा आनंदीबेन पटेल ने चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय, पंजाब के दीक्षान्त समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित किया।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालयों को बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के तहत कार्यान्वयन योग्य पेटेंट को अधिक महत्व देना चाहिए और यह तभी सम्भव है, जब उद्योगों और संस्थानों के बीच शोध परिणामों को लेकर बेहतर सामंजस्य हो।

उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र अथवा सभ्यता का विकास उसके शिक्षा केन्द्रों में होता है। विशेष रूप से विश्वविद्यालय राष्ट्र की सतत् विकासशील, चिन्तनशील-वैश्विक संवेदना एवं सम्पन्न अन्तर-आत्मा के प्रतीक हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय पचास अन्य विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति को सही तरीके से लागू करने और राज्य के विश्वविद्यालयों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है, जिनमें गुजरात के विश्वविद्यालय भी शामिल हैं।

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