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आए थे पुण्य की डुबकी लगाने… पुलिस ने घुमा दिया पूरा शहर; चरण रज लेकर अभिभूत हुईं महिलाएं

प्रयागराज:  एक साल से महाकुंभ का इंतजार कर रहा था, ताकि संगम में आकर पुण्य की डुबकी लगाऊं। लेकिन, शहर में श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह किए गए डायवर्जन से सिर चकरा गया। घूमते-घूमाते 15 से 20 किमी शहरभर में चक्कर काटा, फिर जाकर संगम में डुबकी लगाने का मौका मिला।

यह कहना है पटना से आए रामनाथ का था। यही हाल कई श्रद्धालुओं का रहा।महाकुंभ का सकुशल आयोजन कराने को लेकर पुलिस की ओर से रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और शहरी सीमा से मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बैरिकेडिंग अलग-अलग रूटों से मेला में प्रवेश दिया जा रहा है।

ऐसे में जगह-जगह घुमावदार रास्ते से श्रद्धालुओं को लंबा चक्कर काटना पड़ा। वहीं, उधमपुर से आए श्रीनाथ ने बताया कि वह सोमवार रात दो बजे प्रयागराज आ गए। जंक्शन पर उतरने के बाद लाखों की संख्या में भीड़ थी। स्टेशन के बाहर आते ही पुलिस वालों ने संगम के रास्ते जाने के लिए कहा।

तकरीबन 10 किमी का रास्ता पैदल तय किया। लेकिन, एक इस बीच एक भी ई-रिक्शा या फिर कोई अन्य वाहन की व्यवस्था नहीं थी। वहीं, अमृतसर से आए नीरज अहूजा ने बताया कि संगम में पुण्य की डुबकी लगानी है तो थोड़ी दिक्कत झेलनी पड़ेगी।

संतों की चरण रज लेकर अभिभूत हुईं महिलाएं
उधर, अमृत स्नान के लिए निकले संतों की चरण रज लेने की होड़ श्रद्धालुओं में रही। खासतौर पर महिलाएं इसके लिए लालायित दिखीं। पुलिस बल के कई बार हटाने के बावजूद महिला श्रद्धालु अखाड़ा मार्ग के बीचो-बीच आकर झोली में चरण रज बटोरती दिखीं।

महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के लिए मंगलवार भोर से अखाड़ों को रवाना होना था। अखाड़ों में शामिल नागा संन्यासी, महामंडलेश्वर, आचार्य की चरण रज लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु देर-रात से डेरा डालकर बैठे थे।

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