रिपोर्ट- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
हनुमान जी भक्ति, बुद्धि,बल और विवेक के प्रतीक है। मानव जीवन को सार्थक बनाने के लिए इस तीनों की आवश्यकता होती। प्रभु श्री राम का स्मरण श्री हनुमान जी के माध्यम से भली भांति हो सकता है-होत न आज्ञा बिनु पैसारे, श्री हनुमान जी के पैसारे अर्थात मोहर वाली भक्त की विनती को प्रभु राम सुनते है।
https://youtu.be/ucvB-wdfHZ8
साभार चंदा कैसेट
उन्होंने मानव को भक्ति का सुगम मार्ग दिखाया। ऐसे ही भक्ति भाव से मनुष्य को श्री हनुमान जी का ध्यान करना चाहिए। अहंकार शून्य होकर उनसे कृपा की याचना करनी चाहिए–
बुद्धिहीन तन जानू के
सुन लो पवन कुमार
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि
हरहु क्लेश विकार।।