भारतीय जनता पार्टी की कुल आय 2018-19 में पिछले साल से 134 फीसदी बढ़कर 2,410 करोड़ रुपए हो गई है. 2017-18 में ये 1,027 करोड़ रुपए थी. बीजेपी ने चुनाव आयोग को 2018-19 की जो ऑडिट रिपोर्ट सौंपी है उससे इस बात का पता चला है. इसी दौरान, कांग्रेस को मिलने वाले चंदे में 361 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है.
बीजेपी को मिले इन 2,410 करोड़ रुपए में 1,450 करोड़ रुपए सिर्फ इलेक्टोरल बॉन्ड्स से मिले, जबकि 2017-18 में इलेक्टोरल बॉन्ड्स से 210 करोड़ रुपए की आमदनी हुई थी.
बीजेपी ने चुनाव आयोग को एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 तक की कमाई और खर्च का जो ब्योरा दिया है उसके मुताबिक फी और सब्सक्रिप्शन से 1.89 करोड़ रुपए की आमदनी हुई. अनुदान (इलेक्टोरल बॉन्ड की रकम सहित) 2,354 करोड़ रुपए, 54 करोड़ रुपए बैंक से ब्याज में मिले और अन्य मदों से 24 करोड़ रुपए प्राप्त हुए.
स्वैच्छिक योगदान में कई तरीकों से पैसे आए जिनमें आजीवन सहयोग निधि से 24.64 करोड़ रुपए, मोर्चों से 68 करोड़ रुपए, 93 करोड़ रुपए बैठकों से, इलेक्टोरल बॉन्ड से 1,450.89 करोड़ रुपए और बाकी मदों से 867.87 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं.
बीजेपी का खर्च
बीजेपी ने आयोग को खर्च की जो जानकारी सौंपी उसके मुताबिक 2018-19 में 1005 रुपए खर्च किए. ये राशि 2017-18 में खर्च किए गए 758 करोड़ रुपए से 32 फीसदी ज्यादा है. इस वित्त वर्ष में बीजेपी ने 792.4 करोड़ रुपए चुनाव और सामान्य प्रचार पर खर्च किए थे जबकि 2017-18 में ये खर्च 567 करोड़ रुपए था.
कांग्रेस की आय और खर्च
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को जो रिपोर्ट सौंपी है उसके मुताबिक उसे 2018-19 में 918 करोड़ रुपए की आमदनी हुई. यह 2017-18 में हुई 199 करोड़ रुपए की आमदनी से 361 फीसदी ज्यादा है. कांग्रेस को 2017-18 में महज 5 करोड़ रुपए की आमदनी इलेक्टोरल बॉन्ड्स से हुई थी जो इस साल बढ़कर 383 करोड़ रुपए हो गई. पार्टी ने बताया कि उसका चुनावी खर्च तकरीबन 309 करोड़ रुपए रहा.