Breaking News

हेड कांस्टेबलों को मिल सकती है विवेचना की जिम्मेदारी

लखनऊ। सबकुछ ठीक रहा तो पुलिस विभाग में मुकदमों की जांच (विवेचना) के नाम पर चलने वाला सीओ, इंस्पेक्टर और दारोगा दबदबा घट जाएगा। इनके अलावा हेड कांस्टेबल भी यह जिम्मेदारी उठाते दिखेंगे। प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि दिल्ली की तर्ज पर यूपी के हेड कांस्टेबल सिर्फ मुंशीगीरी या ड्यूटी नहीं बजाएंगे। विवेचक भी कहलाएंगे। यह बदलाव प्रदेश में रोजाना दर्ज होने वाले दो से तीन हजार मुकदमे और उनकी जांच के बढ़ते बोझ को देखते हुए किया जा रहा है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2017 के आंकड़े बताते हैैं कि यूपी पुलिस के पास कुल 3.08 लाख से ज्यादा विशेष विवेचनाएं थीं। इनमें 18428 केस ऐसे थे, जो पहले से लंबित थे। वहीं, इंडियन पेनल कोर्ट (आइपीसी) की कुल 3.64 लाख से ज्यादा मामलों की विवेचना अलग थी। इनमें पहले से लंबित आइपीसी की 54346 विवेचनाएं भी शामिल हैैं।
फिलहाल मुकदमे की गंभीरता के लिहाज से विवेचनाओं को बांटा गया है। दहेज हत्या, भ्रष्टाचार अधिनियम और एससी-एसटी एक्ट की जांच सीओ करते हैैं। संबंधित क्षेत्र में होने वाली हत्या, दुष्कर्म अथवा अपहरण जैसे मामलों की विवेचना थाने के इंस्पेक्टर के हवाले रहती है। इसके अलावा क्षेत्र के  इंचार्ज को मारपीट, घरेलू विवाद, संपत्ति विवाद, लेनदेन, गाली-गलौज, धमकी, अभद्रता समेत अन्य मामलों की विवेचना सौंपी जाती है। विशेष परिस्थितियों में शासन स्तर पर किसी मामले की विवेचना अन्य एजेंसियों अथवा किसी अधिकारी से कराई जाती है।

 

About Samar Saleel

Check Also

सीएमएस कैम्ब्रिज सेक्शन ने जीती बास्केटबॉल चैम्पियनशिप

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल गोमती नगर एक्सटेशन कैम्पस के कैम्ब्रिज इण्टरनेशनल के तत्वावधान में दो ...