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बाढ़ग्रस्त इलाकों के मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

जिलेभर में एंटी लार्वा दवा का कराया जा रहा छिड़काव

जिला एवं ब्लाक स्तर पर 18 मेडिकल व दो मोबाइल टीम कर रहीं उपचार

बाढ़ के दौरान फैलते हैं संक्रामक रोग, रहे सतर्क

औरैया। जिले में बाढ़ के कारण जनपद के दो ब्लाक के गांवों में भयावह हालात है। साथ ही बरसात में जगह-जगह जलजमाव होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए तैयारियां तेज कर दी है। ऐसी स्थिति में मरीजों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। जिलेभर में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव एवं फागिग कराई जा रही है। प्रभावित इलाकों में एएनएम, आशा व सुपरवाइजर को तैनात हैं। मरीजों को इलाज और दवाएं मुहैया कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अधिक प्रभावित इलाकों में टीमों को लगा रखा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि बाढ़ के कारण कई गांवों में पानी भर गया है। इससे बीमारियां फैलने की संभावना है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर एसीएमओ डा. शिशिर पुरी के नेतृत्व में टीमें गठित की हैं। इसी तरह ब्लाक स्तर पर प्रभारी चिकित्साधिकारियों के नेतृत्व में टीम गठित की गई है।

सीएमओ ने बताया कि टीम को निर्देशित किया गया है कि लोगों को जागरूक करें। टीम के पास बुखार, दस्त, एंटी एलर्जी, दर्द जैसी जरूरी दवाओं के साथ फर्स्ट एड किट उपलब्ध करा दी गई है। बीमार को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराने को कहा गया है। गांव में शिविर लगाकर जरुरत के अनुसार दवाइयां वितरित की जा रही हैं। सीएमओ ने बताया कि संचारी रोगों के नोडल अधिकारी की अगुवाई में 18 मेडिकल टीमें और 2 मोबाइल टीमें गठित की गई हैं, जो कि हाइवे के किनारे तंबू में रह रहे बाढ़ पीड़ितों के उपचार में लगी हुई हैं।

रोजाना लिया जा रहा अपडेट

संचारी रोगों के नोडल अधिकारी/एसीएमओ डा. शिशिर पुरी ने बताया कि फिलहाल कहीं बीमारी फैलने की सूचना नहीं है। स्वास्थ्य टीमें अलर्ट है। रोजाना अपडेट लिया जा रहा है। किसी तरह की समस्या होने पर निकट मौजूद चिकित्सक स्टाफ से दवाएं ली जा सकती है।

बताया कि मंगलवार को 845 लोगों का उपचार करने के साथ ही 2300 ओआरएस के पैकेट और 4600 क्लोरीन की गोलियों का वितरण किया गया। डॉ पुरी ने बताया की सीएचओ व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा अपने कार्य क्षेत्र में जलभराव वाले स्थानों को चिन्हित करने के साथ-साथ ही घर-घर जाकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।

बाढ़ से बचाने को बरतें सावधानी

  • टार्च लेकर ही अंधेरे में जाएं और चारपाई पर सोएं।
  • सांप काटने पर नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं।
  • पानी उबालकर और उसमें क्लोरीन मिलाकर पीएं।
  • उल्टी, दस्त व आँख में खुजली होने पर निकट की बाढ़ चौकी से दवा लें।
  • शरीर को ढक कर रखें और मच्छरों को काटने से बचें।
  • सोते समय मच्छरदानी लगाएं और स्वच्छता पर खास ध्यान दें।

इन बातों को रखें ख्याल

  • रात में झाड़ियों में न जाए।
  • झोलाछाप से इलाज न कराए और न ही झ़ाड़फूंक के चक्कर में पड़े।
  • बाढ़ के संपर्क में आई हुई खाने पीने की वस्तुओं का प्रयोग न करें।
  • बासी भोजन और कटे फलों का सेवन न करें।
  • बिना चिकित्सक के परामर्श के कोई औषधि का सेवन न करें।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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