अधिकतर भारतीय महिलाएं साड़ी पहनती हैं। लेकिन क्या आपको बता है कि साड़ी पहनने से कैंसर हो सकता है। हाल ही में हुई एक स्टडी के अनुसार, पारंपरिक साड़ी में टाइट नाड़े वाले पेटीकोट पहना जाता है। जिसके वजह से स्किन कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यह जोखिम पेटीकोट की वजह से होता है। इसलिए इसको पेटीकोट कैंसर का नाम दिया गया है। इस कैंसर का खतरा गांव की महिलाओं में ज्यादा होता है। क्योंकि वह साड़ियां ही पहनती हैं। पेटीकोट का नाड़ा अधिक टाइट होने की वजह से कमर पर लगातार दबाव पड़ता है और नाड़े की रगड़ भी पड़ती है। जिसकी वजह से रेयर स्किन कैंसर ‘मार्जोलिन अल्सर’ हो जाता है।
मार्जोलिन अल्सर एक रेयर और अग्रेसिव स्किन कैंसर है। यह कैंसर तेज रगड़ की वजह या फिर जलने के बाद ठीक न होने वाले घावों या निशानों की वजह से होता है। यह बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन समय के साथ यह लिवर, किडनी, ब्रेन या लंग्स सहित पूरे शरीर के सभी अंगों में फैल सकता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको पेटीकोट कैंसर के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि इसके लक्षण क्या हैं और बचाव या इलाज के तरीके क्या हैं।
प्रेशर सोर
जब एक ही जगह पर लगातार नाड़े का दबाव पड़ता है, तो वहां की त्वचा डैमेज होने लगती है। यह तब विकसित होते हैं, जब कोई लंबे समय तक बिस्तर पर रहता है। जब वह सही से हिल-डुल नहीं पाता है। तब हड्डियों के करीब घाव विकसित होने लगते हैं। कमर की हड्डियों के पास यह घाव विकसित होते हैं।
क्रोनिक वेनस अल्सर
बता दें कि कमर के आसपास की नसों में लगातार दबाव पड़ने से क्रोनिक वेनस अल्सर विकसित हो जाते हैं। इसमें आपको दर्द, खुजली और सूजन आदि की समस्या देखने को मिल सकती है।
- आप जो भी कपड़े पहन रहे हैं, उसका बेल्ट, नाड़े या इलास्टिक रबर बहुत ज्यादा टाइट न हो।
- अधिक टाइट जींस या पैंट पहनने से बचना चाहिए।
- आप जो भी कपड़ा पहनें, वह हल्का बांधें जिससे स्किन पर अधिक दबाव न पड़े।
- कभी भी बहुत ज्यादा टाइट कपड़े नहीं पहनना चाहिए। खासतौर पर ध्यान रखें कि अंडरगारमेंट्स टाइट न हों।
- अगर कमर पर लंबे समय से घाव है, तो फौरन डॉक्टर से कंसल्ट करें।
- वहीं अगर स्किन के रंग में कोई बदलाव दिख रहा है या फिर गांठ महसूस हो रही है तब भी डॉक्टर से संपर्क करें।