गुजरात हाईकोर्ट में सोमवार को मोरबी पुल हादसे को लेकर हुई सुनवाई में सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा है की मोरबी पुल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपए का अतिरिक्त मुआवजा देने’ का फैसला सरकार ने किया है, जिससे कुल मुआवजा 10 लाख रुपए हो जाएगा.इस मामले में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी.
गुजरात सरकार ने सोमवार को हाई कोर्ट को बताया कि उसने #मोरबी नगर निगम को भंग करने का फैसला किया है. यहां 30 अक्टूबर को एक पुल गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी. कोर्ट द्वारा दिए गए सुझाव के अनुरूप राज्य सरकार पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा राशि 6 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने पर सहमत हुई.
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अपने हलफनामे के माध्यम से राज्य सरकार ने सोमवार को कोर्ट को बताया कि वह मोरबी नगर निगम को ‘भंग’ कर देगी और ‘गुजरात नगरपालिका अधिनियम की धारा 263 के तहत कार्यवाही और मोरबी के तत्कालीन मुख्य अधिकारी एसवी जाला के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई’ शुरू करेगी. गौरतलब है कि पुल गिरने के 3 दिन बाद ही मोदी नगर पालिका के चीफ ऑफिसर एसवी झाला को सस्पेंड कर दिया गया था
मच्छु नदी पर अंग्रेजों के समय का केबल पुल बीती 30 अक्टूबर को टूट गया था, जिसमें 135 लोगों की जान चली गई थी. यह हादसा पुल की एक निजी कंपनी द्वारा मरम्मत करने के पश्चात जनता के लिए खोलने के चार दिन बाद हुआ था. इसके बाद मोदी सरकार पर विपक्षियों ने जमकर हमला किया, बहरहाल अभी भी पुल को बिना एनओसी लिए शुरू करवाने वाले कंपनी और कंपनी के मालिक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिससे अभी भी सवाल उठ रहे हैं