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पीएमएलए मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई टली, सॉलिसिटर जनरल ने मांगा था समय

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने 2022 के पीएमएलए फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 16 अक्तूबर तक टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस सवाल पर सुनवाई 16 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी कि क्या धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्क करने की शक्तियों को बरकरार रखने वाले उसके 2022 के फैसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। इससे पहले दिन में, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामले को 3 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्थगन की मांग करते हुए मामले का उल्लेख किया। वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इसका कड़ा विरोध किया।

दोपहर बाद न्यायमूर्ति कांत ने मामले में उपस्थित वकीलों को बताया कि न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार, जो न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां के साथ पीठ का हिस्सा हैं, 27 सितंबर से 13 अक्टूबर तक अवकाश पर हैं। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को तय की। अदालत कुछ मापदंडों पर तीन न्यायाधीशों की पीठ के 27 जुलाई, 2022 के फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। अपने 2022 के फैसले में, सर्वोच्च न्यायालय ने पीएमएलए के तहत धन शोधन, तलाशी और जब्ती में शामिल संपत्ति की गिरफ्तारी और कुर्की की ईडी की शक्तियों को बरकरार रखा।

ग्रामीण विकास निधि जारी करने की मांग वाली पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह पंजाब सरकार की याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगा। पंजाब सरकार ने याचिका में केंद्र सरकार से एक हजार करोड़ रुपये की ग्रामीण विकास निधि की बकाया राशि तुरंत जारी करने की मांग की है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने बताया कि उनकी याचिका 2 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी, लेकिन उस पर सुनवाई नहीं हो सकी। वकील ने याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग की। पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि इस बीच केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए भी नोटिस जारी कर दिया जाना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे लेकिन केंद्र को फिलहाल नोटिस जारी करने से मना कर दिया।

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