उत्तराखंड मंगलवार को मानसून और पश्चिमी विक्षोभ के दोहरे तूफान से घिर गया। इसके कारण भारी बारिश हुई। पत्थर गिरने और भूस्खलन से मध्य प्रदेश के तीन गंगोत्री तीर्थयात्रियों सहित आठ लोगों की मौत हो गई।
हालांकि, बारिश ने हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को थोड़ी राहत दी है। अधिकारियों को राहत, बचाव और सड़क को फिर से बहाल करने में मदद मिली है। आपको बता दें कि मंगलवार को बारिश से संबंधित दुर्घटनाओं, भूस्खलन और बाढ़ के कारण 21 और लोगों की मौत की सूचना मिली है। इसके साथ ही 8 जुलाई के बाद से इन इलाकों में मरने वालों की संख्या 91 हो गई है।
पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के चलते कई पर्यटकों की जान पर बन आई। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में स्थित झील चंद्रताल में भारी बारिश और बर्फबारी के चलते 300 पर्यटक फंस गए। भारी बारिश के कारण आई आपदा में पिछले तीन दिनों में राज्य में 31 लोगों की जान चली गई। जबकि मंडी, कांगड़ा व लाहौल स्पीति में चार लोग लापता हैं। वहीं, उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मंगलवार को भूस्खलन होने से पांच पर्यटकों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। पंजाब और हरियाणा में भी बाढ़ के हालात हैं, जिससे पर्यटक जगह-जगह फंसे हुए हैं।
चमोली जिले में जुम्मागाड़ नदी में आई बाढ़ से उस पर बना पुल बह गया। इससे वहां भारत-तिब्बत सीमा मार्ग अवरुद्ध हो गया और एक दर्जन से अधिक सीमावर्ती गांवों का संपर्क टूट गया। जोशीमठ से करीब 45 किलोमीटर दूर जोशीमठ-नीति हाईवे पर जुम्मा गांव के पास बहने वाली इस नदी में पानी मंगलवार को भी खतरे के निशान से ऊपर बहता रहा। वहीं, उत्तरकाशी में भूस्खलन से तीन गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। इस घटना में मारे गए चार लोग मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं।
अधिकारियों ने बताया, 14,100 फुट की ऊंचाई पर स्थित चंद्रताल में 300 पर्यटक शिविरों में फंसे हैं। भारी बारिश-बर्फबारी के चलते वे वापस नहीं लौट पा रहे। प्रशासन ने वायु सेना से हेलीकॉप्टर के जरिये उन्हें बचाने की अपील की है। हेलीकॉप्टर को दोपहर के समय भुंतर से रवाना किया गया, पर खराब मौसम और घने बादल के कारण उसे वापस लौटना पड़ा। वहीं, काजा से एक बचाव दल उन्हें बचाने के लिए निकल चुका है, जबकि बारिश बंद होने के बाद हेलीकॉप्टर फिर भेजा जाएगा। राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में करीब 600 पर्यटक फंसे हैं। सोमवार से अब तक राज्य के कई हिस्सों में फंसे करीब 100 पर्यटकों को बचाया जा चुका है।