लखनऊ। पत्रकारों के साथ प्रशासन द्वारा की जा रही बदसलूकी, दुर्व्यवहार और अनैतिक आचरण में सुधार के संबंध में हिन्दी पत्रकार एसोसिएशन, बाराबंकी ईकाई ने अपर जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। कवरेज के दौरान एडीएम संदीप गुप्ता का पत्रकारों के प्रति रवैया बेहद उदासीन रहा। जिसकी कलमकारों ने तीखी प्रतिक्रिया भी की। शायद यह बात एडीएम को नागवार गुजरी और कुछ ही देर बाद वह अपने दफ्तर से बाहर आए और मांगपत्र ले लिया। लेकिन उनके व्यवहार और आचरण में कोई परिवर्तन नही दिखा। ऐसे में अहम सवाल यह है कि जनता से जुड़े मामलों पर इन आलाधिकारी का रवैय्या ऐसा ही नकारात्मक रहता होगा। इससे साफ जाहिर है कि प्रशासनिक अमला आम आदमी का काम कहां करने वाला हैं। बहरहाल, ऐसे अधिकारियो की जवाबदेही किसकी होगी ?
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष पाटेश्वरी प्रसाद ने कहा कि हाथरस में कथित गैंगरेप की कवरेज कर रहे पत्रकारों के साथ यूपी सरकार के प्रशासन ने जिस तरह से बदसलूकी की है, उसकी हिन्दी पत्रकार एसोसिएशन घोर निंदा करता है। जिस प्रकार से आडियो व वीडियो तथा फोन टैप मामले को सार्वजनिक किया गया है, वह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले जीवन के अधिकार और निजी स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। उक्त समस्त प्रकरण की भारतीय प्रेस परिषद या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराई जाए।
प्रशासनिक अधिकारियों का व्यवहार मीडिया के काम करने में बाधक
वरिष्ठ उपाध्यक्ष आसिफ हुसैन मिर्ज़ा ने सरकार से मांग है कि हाथरस में रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकारों से की गई अभद्रता के लिए प्रशासन माफी मांगे। महामंत्री रंजय शर्मा ने कहा कि पत्रकारों की बातचीत को टैप करना और उन्हें लीक करना निजता पर कुठाराघात है। मीडिया पर ऐसे हमले हाल के महीनों में ट्रेंड का हिस्सा बन गया हैं। कुछ और राज्य भी पत्रकारों के उत्पीड़न में शामिल रहे हैं। जिससे लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ की कार्यशैली बाधित हो रही है। जिला उपाध्यक्ष अभिषेक तिवारी ने कहा कि हाथरस में दलित युवती के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले में फजीहत होने के बाद बीजेपी की सरकार इस कदर घबराई हुई है कि वह पत्रकारों को निशाना बना रही है।
सचिव मनीष सिंह ने कहा कि निजी न्यूज चैनल की पत्रकार का फोन टैप किया। ऐसे में सरकार पर सवाल करने वालों की विश्वसनीयता को खत्म करने की साजिश के तहत ऐसा किया गया है। इस दौरान पत्रकारों को कवरेज करने की पूर्ण स्वतंत्रता दी जाए। पत्रकार और पीड़ित पक्ष के बीच वार्ता की निजता का उल्लंघन बंद हो। हाथरस प्रकरण में निजी चैनल की पत्रकार तनुश्री पाण्डेय की निजता का उल्लंघन की जांच कर कार्यवाही की जाए। पत्रकारों का उत्पीड़न बंद हो। पुलिस प्रशासन द्वारा पत्रकारों से बदसलूकी, अनैतिक आचरण व दुव्र्यवहार पर तत्काल कार्यवाही करने सम्बंधी पांच सूत्रीय मांग पत्र सौपा गया। इस मौके पर सरदार राजा सिंह, लवकुश शरण आनंद, पंकज राणा, मो.आदिल, मो.अदीब इकबाल, वरूण सिंह चौहान, अनिल यादव, कल्बे अली रज़ा, कपिल सिंह यादव, प्रदीप बाजपेई मौजूद रहे।