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‘पड़ोस प्रथम’ नीति के तहत भारत करेगा भूटान, मालदीव समेत अन्य देशों की मदद

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि वर्ष 2023-24 के आम बजट में विदेश मंत्रालय को 18,050 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.64 प्रतिशत अधिक है। आम बजट को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ख़ास बताया है और ट्वीट के माध्यम से 10 एहम बिंदुओं पर फोकस किया है और भारत को ग्लोबल ग्रोथ में मजबूत इंजन बताते हुए कहा कि आम बजट में केवाईसी प्रक्रिया सरलीकरण, ग्रेटर गिफ्ट आईएफएससी गतिविधियां और व्यापार पुनर्वित्त के लिए एक्जिम बैंक की सहायक कंपनी की स्थापना, सामान्य व्यवसाय पहचानकर्ता के रूप में पैन, सेंट्रल डाटा प्रोसेसिंग सेंटर और जीडीपी को मजबूत करने जैसे कई लक्ष्य शामिल हैं। ख़ास बात ये है की इस बार विदेश मंत्रालय को भी अतिरिक्त बजट मिला है हालाँकि पिछले वित्त वर्ष में मंत्रालय को 17,250 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था।

पिछले वर्ष की तुलना में विदेश मंत्रालय को मिला 4.64 प्रतिशत अधिक का बजट।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि कस्टम ड्यूटी, सेस, सरचार्ज दर में बदलाव किया गया है। विदेश से आयात किए जाने वाले खिलौने महंगे, जबकि देसी खिलौने सस्ते होंगे। लिथियम आयन बैटरी पर कस्टम ड्यूटी में राहत दी गई है। वहीं प्रयोगशालाओं में निर्मित हीरों को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क में छूट दी गई है। मोबाइल पार्ट्स और मोबाइल कैमरा लेंसों के आयात शुल्क में छूट का प्रावधान भी किया गया है।

'पड़ोस प्रथम’ नीति

बजट में कहा गया है कि भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति के अनुरूप विभिन्न देशों को विकास सहायता के मद के अंतर्गत भूटान को सबसे अधिक 2,400 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है, जो मंत्रालय के विकास सहायता मद का 41.04 प्रतिशत है। मालदीव को विकास सहायता के लिये 400 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है, जो मुख्य रूप से ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, सामुदायिक विकास परियोजनाओं सहित निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिये है।

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रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी

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