कोरोना वायरस से जंग के बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आम लोगों से इस लड़ाई में बढ़-चढ़कर मदद की अपील की है। एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में सीएम योगी ने यूपी में कोरोना के खिलाफ तैयारी, जमातियों के रवैये और प्रशासन की सख्ती को लेकर सरकार के प्रयासों को सामने रखा। इस दौरान सीएम ने इस संकट में लोगों से घरों में त्योहार मनाने की गुजारिश की।
योगी ने कहा कि उन्होंने सारे धर्माचार्यों से बात की है। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च है। हमें महामारी से बचना और लोगों को बचाना है। पूजा हो या नमाज घर पर ही हो सकती है। कोई भी उपासना घर में हो सकती है। जान है तो जहान है। नवरात्र लोगों ने घर में मनाया था, अब लोग ईद भी घर में मनाएं।
नवरात्र के दौरान हिंदुओं ने मंदिर न जाकर, घर में ही पूजा की थी। राम नवमी भी घर में किया। कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। अब रमजान में भी लोगों से अपील है कि जो भी करना है घर में करें। बाहर सार्वजनिक स्थान में कोई कार्यक्रम न करें।
उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों से लौट रहे श्रमिक सरकार के लिए बड़ी चुनौती हैं। कोरोना की लड़ाई में भी यूपी के सामने ही सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि यह सबसे बड़ा राज्य है। ऐसे में सरकार को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि बड़ी संख्या में अन्य राज्यों से श्रमिक राज्य में आ रहे हैं। सरकार को पहले ही अंदाजा था इसलिए लगभग दस लाख श्रमिकों के क्वारंटाइन करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि हिंदुओं ने नवरात्र घर में मनाई अब मुस्लिम रमजान भी घर में मनाएं।
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि दूसरे राज्य हमारी मदद करें या न करें, हम अपने प्रवासी मजदूरों के लिए खाने और रहने की व्यवस्था कर रहे हैं। नासिक से ट्रेन पहुंच रही है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा से श्रमिक आ चुके हैं। गुजारत से भी कई आए हैं। इस सभी के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं। जिनमें दस लाख लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था कराई गई है।
सीएम ने कहा कि राज्य में आने वाले हर मजदूरों की जांच हो रही है। कोई लक्षण नहीं होगा उन्हें खाद्यान देकर होम क्वारंटाइन किया जाएगा। लक्षण वालों को संस्था क्वारंटाइन में और पॉजिटिव वालों को तत्काल आइसोलेट किया जाएगा।
योगी ने कहा कि प्रदेश के अंदर हमें पता था लंबे समय तक लॉकडाउन चल सकता है इसलिए हमने पहले ही तैयारी कर ली थी। हम यह भी जानते हैं कि यूपी में 15 से 20 लाख मजदूरों के रोजगार की व्यवस्था करनी है। अधिकारियों और मंत्रियों की कमिटी बना दी थी। अलग-अलग विषयों पर टीमें विशेषज्ञों के साथ काम कर रही हैं। मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्य योजना पर काम हो रहा है।
यूपी सरकार को इस बार राजस्व का भी बड़ा नुकसान हुआ है इसके बावजूद सरकार कर्मचारियों का वेतन और पेंशन नहीं रोका। इस बार सरकार को एक हजार करोड़ का ही राजस्व मिला है।
केंद्र सरकार जितना राहत पैकेज दे रही है वह पर्याप्त है। अगर राज्य केंद्र से मिल रहा पैकेज राज्यों में ठीक से लागू किया जाए तो उन्हें अतिरिक्त पैकेज की जरूरत नहीं होगी। हमने यूपी में ऐसा ही किया है। बाकी जरूरत पड़ने पर यूपी सरकार अपनी तरफ से बजट खर्च कर रही है।