लखनऊ। होमगार्ड वेतन घोटाले के तार जिला कमांडेंट के बाद अब नीचे के अधिकारियों व कर्मचारियों से जुडने लगे हैं। पुलिस की विवेचना में सामने आया है कि कंपनी कमांडर सुशील कुमार सिंह होमगार्डों से कमीशन वसूलता था। यह कमीशन जिला होमगार्ड कमांडेंट को उसी के जरिये पहुंचता था।
होमगार्ड जिला कार्यालय में छानबीन
इंस्पेक्टर गोमतीनगर ने भी होमगार्ड जिला कार्यालय में छानबीन की। विवेचक ने कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की। साथ ही घोटाले से जुड़े सभी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। कंपनी कमांडर की तलाश में पुलिस टीमें रवाना की गई हैं। शुक्रवार देर रात तक छापेमारी जारी रही, लेकिन आरोपित का कोई सुराग नहीं लगा। सूत्रों का कहना है कि थाने से भेजे गए मस्टररोल में फेरबदल कंपनी कमांडर के इशारे पर ही वहां के कर्मचारी करते थे। इस खेल की जानकारी जिला कमांडेंट को थी। यही नहीं फर्जी ड्यूटी के जरिये वेतन उठाने वाले होमगार्ड कंपनी कमांडर के संपर्क में रहते थे। हर माह का वेतन मिलने के बाद तय कमीशन वहां पहुंचा दिया जाता था।
फर्जी ड्यूटी के आधार पर वेतन उठाने का मामला उजागर होने के बाद एसएसपी कलानिधि नैथानी ने ट्रैफिक लाइन में भी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी की जांच के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक कई ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लंबे समय से एक ही स्थान पर लग रही है। ऐसे में एसएसपी ने ड्यूटी रजिस्टर चेक करने व उसकी वास्तविक स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। एसएसपी का कहना है कि अगर कोई पुलिसकर्मी फर्जी ड्यूटी लगवाकर वेतन लेते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।