मंदी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हांगकांग सरकार अपने 70 लाख निवासियों को नकद सहायता देने वाली है. मंदी के साथ ही हांगकांग की अर्थव्यवस्था को अब कोरोना वायरस की वजह से बढ़े संकट से भी जूझना पड़ रहा है.
दरअसल, हांगकांग सरकार ने बुधवार को अपने सभी स्थायी नागरिक को नकद 10 हजार हांगकांग डॉलर (1,280 अमेरिकी डॉलर) यानी लगभग 91845.76 रुपये की सहायता देने की पेशकश की है. हांगकांग के वित्त मंत्री पॉल चान ने सालाना बजट में लोगों को नकद सहायता देने की घोषणा की.
बढ़ेगा 72 अरब हांगकांग डॉलर का बोझ
उन्होंने कहा कि हांगकांग को अब तक के सबसे बुरे आर्थिक संकट से निकालने के लिए 120 अरब हांगकांग डॉलर का प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री ने बताया कि इस नकद सहायता से देश पर 72 अरब हांगकांग डॉलर का बोझ बढ़ेगा. सरकार की ओर से उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसमें से ज्यादातर रकम को उपभोक्ता दोबारा स्थानीय कारोबार में लगाएंगे. इससे देश की अर्थव्यवस्था को संभलने में मदद मिल सकेगी.
अमेरिका-चीन ट्रेड वार से बढ़ी मुश्किलें
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार की वजह से भी हांगकांग की अर्थव्यवस्था पर चोट पहुंची है. पॉल चान ने कहा कि पर्यटन, रेस्टोरेंट और रिटेल समेत तमाम कारोबारों पर बुरा असर होने से देश में बेरोजगारी बेइंतहा बढ़ी है. अर्थव्यवस्था सबसे मुश्किल चुनौतियों का सामना कर रही है. इसका विकास दर 0.5 पर थम सा गया है.
कोरोनावायरस का भी बुरा असर
जानलेवा कोरोना वायरस ( Coronavirus ) फैलने की वजह से चीन में कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. स्मार्टफोन, खिलौने और अन्य सामान बनाने वाले कारखाने पुराने अंदाज में वापस आने की चुनौती से जूझ रहे हैं. सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से मदद के भरोसे के बावजूद अर्थशास्त्रियों काकहना है कि उत्पादन को सामान्य करने में अभी कई महीने का समय लग सकता है.
इसके बाद अब हांगकांग भी काफी अलर्ट हो गया है. हांगकांग सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सभी स्कूलों को बंद करने की मियाद आगे बढ़ा दी है. अब 20 अप्रैल तक हांगकांग में सभी स्कूल बंद रहेंगे. पहले 16 मार्च तक के लिए स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया था.