लखनऊ। टीवी के कुछ चैनल्स पर प्रसारित हो रहे “जीना सीखो” विज्ञापन ने लखनऊ की रहने वाली एक गृहणी को विधिवत जीना सिखा दिया है। दवा बेंचने वाले इन विज्ञापन दाताओं ने महिला Sarita Pandey को दो-तीन बार में दवा सप्लाई करके इस तरह ठगा और लूटा है कि अब वह शिकायत करके ठगों को सजा दिलवाने का संकल्प ले चुकी है।
मर्ज ठीक करने की गारन्टी देने वाले नही उठाते फोन : Sarita Pandey
लखनऊ की दुर्गापुरी कालोनी निवासी Sarita Pandey सरिता पाण्डेय ने टीवी पर एक “जीना सीखो” शीर्षक से प्रसारित हो रहे एक विज्ञापन को देख कर उसमें बताये गये पते से दो बार दवा मंगाई, जिसके बाद डिलीवरी मैन दवा लेकर सरिता के घर आया। उसने दवा दिया और पैसा ले लिया, लेकिन न तो कोई रसीद दी और न कहीं कोई हस्ताक्षर करवाये। तीसरी बार भी इसी तरह 5100 की दवा कम्पनी से आ गई।
चंडीगढ स्थित दिव्य उपचार संस्थान नामक इस ऐजेन्सी पर महिला ने आरोप लगाया है कि वहाँ जब कभी “फायदे की गारन्टी” याद दिलाने के लिए फोन किया जाता है तो उत्तर मिलता है कि पूरा फायदा 45 दिन की दवा खाने के बाद मिलेगा, जिसकी कीमत 16,500 रुपये है।
कम्पनी के जिस व्यक्ति से सरिता की बात हुयी, उसने उन्हे एक फाइल का नम्बर दिया और कहा कि पहले भेजी गयी 5100रुपये की दवा वाला पैकेट वापस कर दो। सरिता बतातीं हैं कि उन्होने वही किया जो कम्पनी ने बताया। बीती 18 मई को उन्हे दूसरी सोलह हजार पाँच सौ रुपये की दवा मिल गई, जिसके बाद सरिता ने दवा खाना शुरू किया लेकिन उन्हे कोई लाभ नहीं मिला तो उन्होने कम्पनी के उसी नम्बर पर फोन करके अपनी शिकायत करनी चाही तो फोन नहीं उठाया जा रहा।
सरिता ने शासन-प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों और कम्पनी के पते पर भेजी गई लिखित शिकायत में बताया कि कम्पनी के अलग-अलग कर्मचारी अपने निजी नम्बरों से फोन करते हैं लेकिन जब बता दिया जाता है कि “हम वही हैं जिसको आठ लोगों ने हजारों रुपये का चूना लगाया है” तो फोन काट दिया जाता है। सरिता ने “जीना सीखो” संस्था की जांच की माँग करते हुये समाज को ऐसे ठगों से सतर्क रहने की सलाह दी है।