तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी को सांसद अभिषेक बनर्जी को पार्टी का अखिल भारतीय महासचिव बनाने से परिवारवाद के आरोपों का फिर सामना करना पड़ सकता है. अभिषेक को महासचिव बनाने पर तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थ चटर्जी ने पत्रकार वार्ता में कहा था कि कार्यसमिति ने फैसला किया कि कोई भी व्यक्ति पार्टी में केवल एक पद ग्रहण करेगा और कोर कमेटी ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है.
ममता बनर्जी के पूर्व सहयोगियों में शामिल सोनाली गुहा, सरला मुर्मू और अमल आचार्य जैसे अन्य दलबदलू, जो विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे, सहित तृणमूल के कई पूर्व नेताओं ने सत्ताधारी पार्टी में लौटने की इच्छा व्यक्त की है.
बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, “हम उन सभी को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हमें सत्ता में आने के लिए वोट दिया और हम लोगों और राज्य के विकास के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उन सभी को धन्यवाद दिया है जो मुश्किल समय में पार्टी के साथ खड़े रहे हैं.”
पार्टी के अंतर्विरोध की स्थिति यह है कि इस पार्टी में सिर्फ ममता बनर्जी और उनके भतीजे के अलावा कोई रोने वाला नहीं होगा. चुनाव के दौरान परिवारवाद के लगे तमाम आरोपों की परवाह नहीं करते हुए ममता ने अभिषेक को पार्टी महासचिव बनाया.