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रेलिंग नहीं लगवाई तो संकेतक ही लगवा देते, जिम्मेदारों की यह लापरवाही ले गई चार की जान

हाथरस के गांव बरसामई में जिस पुलिया से कार ईशन नदी में गिरी और चार लोगों की जान चली गई, वह बिल्कुल सपाट है। उसके किनारों पर न तो कोई रेलिंग है और न ही दीवार लगी है। जिम्मेदारों की लापरवाही की हद यह है कि इसके दोनों ओर कोई संकेतक तक भी नहीं लगाया गया है।

रेलिंग नहीं लगवाई तो संकेतक ही लगवा देते, जिम्मेदारों की यह लापरवाही ले गई चार की जान

रेलिंग नहीं लगवाई तो संकेतक ही लगवा देते, जिम्मेदारों की यह लापरवाही ले गई चार की जान

मंजू और अन्य घायलों ने परिजनों को जानकारी दी है कि पुलिया पर अचानक सामने से नील गाय आ गई। नगेंद्रपाल सिंह ने उसे बचाने और रास्ता देने की कोशिश की। इस दौरान अनुमान नहीं लग पाने के कारण कार का पहिया पुलिया से नीचे चला गया और उसके बाद कार असंतुलित होकर नदी में गिर गई।

पुलिया के दोनों ओर दीवार या रेलिंग होती तो कार नदी में नहीं गिरती। लोगों का यह भी कहना है कि सिंचाई विभाग अगर पुलिया पर रेलिंग नहीं लगवा पा रहा था तो कम से कम आगे पुलिया है, कृपया धीरे चले’, इस तरह के संकेतक ही दोनों ओर लगवा दिए होते। लोगों में इसे लेकर गुस्सा भी है, उनका कहना है कि जिम्मेदारों की यह लापरवाही भी हादसे की वजह बनी है।

मानवेंद्र की उजड़ गई दुनिया, हादसे में पत्नी और दो बच्चों को खोया

मानवेंद्र की तो पूरी दुनिया ही उजड़ गई, हादसे में उन्होंने पत्नी पूनम और दो बेटियों काव्या और भूमि को खो दिया है। परिवार को लेकर जो सपने देखे, वह टूट गए हैं। मानवेंद्र जयपुर में रहकर कपड़ों पर छपाई का कार्य करते हैं। परिवार को सुखद जीवन व बेटियों की अच्छी शिक्षा-दीक्षा के लिए ही वह घर से दूर जयपुर में रहकर कार्य कर रहे हैं। हादसे के वक्त वह जयपुर में ही थे। सूचना मिलने पर वह गांव के लिए चल दिए हैं। फोन पर ही उनका रो-रोकर बुरा हाल है।

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