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भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में यदि आपको भी रोज़ होती हैं सिर दर्द की समस्या तो इसे न करें नज़रंदाज़

आजकल के भाग-दौड़ भरे जीवन में लोग इतने ज्यादा उलझ गए हैं कि खुद पर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं. इस वजह से अक्सर कई लोगों को सिर दर्द की शिकायत रहती है. सिर दर्द कई तरह के होते हैं और इनकी वजहें भी हर व्यक्ति में अलग-अलग होती हैं.

स्ट्रोक के शुरुआती दिनों में व्यक्ति को तेज सिर दर्द होने के साथ- साथ जी मिचलाता है और उल्टी भी आती है.  जब आपके मस्तिष्क के किसी हिस्से में खून की सप्लाई ठीक से नहीं होती. इस कारण मस्तिष्क के ऊतकों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जिस वजह से मस्तिष्क की कोशिकाएं मरनी शुरू हो जाती हैं, और हम स्ट्रोक जैसी बीमारी के शिकार हो जाते हैं.

1. अचानक और असहनीय दर्द का उठना

इस तरह के दर्द को Thunderclap कहा जाता है और ये आम तौर से 60 सेकंड के अंदर गंभीर हो जाता है. घंटे के बाद बेहतर दर्द से आराम मिल सकता है, लेकिन खतरा बाकी रहता है. ये अक्सर दिमाग में खून बहने की वजह से होता है, जो फालिज या दिमाग पर चोट का नतीजा हो सकता है. ऐसा दर्द उठने पर मरीजों को मितली, उल्टी और मनोवैज्ञानिक उलझन का सामना करना पड़ सकता है.

2. चोट लगने के बाद का सिर दर्द

ऐसा सिर दर्द जो सिर में चोट लगने की वजह से हो, ये हेमरेज का संकेत हो सकता है. कभी-कभी सिर में चोट आने के कई दिन बाद भी जाहिर हो सकता है. खासकर जब दर्द की गंभीरता बढ़ती जा रही हो. याद रखें सिर्फ गिरने के चलते सिर में टक्कर लगने से भी दिमाग में खून बह सकता है और उसके लक्षणों में मूर्छित हो जाना शामिल है. उल्टी, कमजोरी, स्मरण शक्ति का कमजोर होना, रोशनी का प्रभावित होना और मनोवैज्ञानिक स्थिति का बदलना शामिल है.

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