देश की राजधानी दिल्ली में जल्द ही जी-20 सम्मेलन का आयोजन होने वाला है. इस समिट के लिए अस्पताल भी तैयार हैं. डॉक्टरों की 100 से ज्यादा टीमें बनाई गई हैं और विदेशी मेहमानों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.दिल्ली एम्स को रेफरल सेंटर बनाया गया है. विदेशों से आने वाले मेहमानों को अगर कोई स्वास्थ्य समस्या होती है तो एम्स में ट्रीटमेंट मिलेगा. इस बीच आम मरीजों के मन में भी काफी सवाल आ रहे हैं. सबसे बड़ी चिंता यह है कि 7 से 10 सितंबर के बीच एम्स में सर्जरी की डेट मिली है तो क्या उनकी सर्जरी निर्धारित समय पर ही होगी? रास्ते बंद हैं तो अस्पताल कैसे पहुंचें? आइए आपको इन सवालों का जवाब देते हैं.
एम्स के एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि जी-20 के दौरान आम मरीजों के लिए व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा. जिन मरीजों की सर्जरी सात से 10 सिंतबर के बीच होनी है वह उसी समय पर ही होगी. सामान्य मरीजों के लिए अस्पताल के ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि जी-20 के दौरान कुछ रास्तों पर रूट डायवर्जन रहेगा. ऐसे में मरीजों को सलाह है कि वह कुछ घंटे का मार्जिन लेकर घर से निकले. दिल्ली के बाहर से आने वाले मरीज घर से कई घंटे पहले निकल जाएं. जिससे समय पर अस्पताल पहुंच सके. मरीजों और तीमारदारों को मेट्रो से आने की कोशिश करनी चाहिए. चूंकि मेट्रो का संचालन बंद नहीं होगा तो आराम से एम्स आ सकते हैं.
रूट डायवर्जन का ध्यान रखें
अस्पताल आने समय रूट डायवर्जन की जानकारी रखें और जो रास्ते बंद हैं वहां से न निकलें. इससे काफी समय खराब हो सकता है. अगर किसी मरीज का कोई परिजन दिल्ली में रहता है तो वह सर्जरी की तारीख ये एक ये दो दिन पहले उनके घर ठहर सकते हैं और मेट्रो के जरिए आराम से एम्स आ सकते हैं.
ओपीडी में नहीं है कोई बदलाव
सात से 10 सितंबर के बीच एम्स में ओपीडी सेवाओं में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. जिन मरीजों से पहले से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर रखा है वह अपने तय समय के हिसाब से ओपीडी में आ सकते हैं. एम्स के किसी भी सेंटर की ओपीडी टाइमिंग में कोई बदलाव नहीं है. कुछ डॉक्टरों की ड्यूटी जी-20 के दौरान लगाई गई है. ऐसे में ओपीडी में मौजूद अन्य डॉक्टर मरीज को देखेंगे.