बांदा (Banda) को अंग्रेजी में सिकल मिस्टलेटो (Sickle Mistletoe) कहा जाता है। हिन्दी में इसे बन्दा, बांदा या बंदाक के नाम से भी जाना जाता है। बांदा की तासीर ठंडी होती है।
बांदा का पौधा अक्सर किसी और पेड़ पर उगता है। जैसे- बेर, आम, जामुन या बबूल के पेड़ आदि। यह जिस पेड़ पर उगते हैं वह जल्दी सूख जाता है। लेकिन इस अवगुण के बावजूद यह सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में बांदा की मदद से शरीर की कई समस्याओं का इलाज किया जाता है। बांदा ज्यादातर हिमालय के जंगलों, जम्मू-कश्मीर और गंगा के मैदानी भागों में पाया जाता है। आयुर्वेद में बांदा की जड़, पत्तियां, फल और फूल का प्रयोग किया जाता है। इसके फल दिखने में अंडे के आकार के होते हैं। पकने के बाद यह गुलाबी रंग के नजर आते हैं। इस लेख में आगे हम जानेंगे बांदा के फायदे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के विकास नगर में स्थित प्रांजल आयुर्वेदिक क्लीनिक के डॉ मनीष सिंह से बात की।
कमर में दर्द हो रहा है, तो बांदा का इस्तेमाल करें। बांदा की मदद से मांसपेशियों का दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। पेट दर्द का इलाज करने के लिए भी बांदा हर्ब का इस्तेमाल फायदेमंद माना जाता है। दस्त की समस्या, मुंह के छाले और बुखार जैसी समस्याओं में भी बांदा का प्रयोग फायदेमंद माना जाता है।