आईएमएफ ने अत्यंत गंभीर संकेत दिये हैं कि आने वाले साल 2020 में पाकिस्तान में कहर टूटने वाला है। पाकिस्तान का एफएटीएफ में ब्लैकलिस्ट होना तय है। जिससे पाकिस्तान के लोग बेकारी-भुखमरी और मंहगाई से त्राहि-त्राहि करेंगे। यह हम नहीं कह रहे। पाकिस्तान को 3 बिलियन डॉलर का कर्जा देने वाली संस्था आईएमएफ ने कहा है। आईएमएफ ने कहा है कि अगर एफएटीएफ में ब्लैकलिस्टेड हो जाने की स्थिति में पाकिस्तान की रीढ़ टूट जायेगी। पाकिस्तान में निवेश लगभग खत्म हो जायेगा और पैसे की आवक-जावक बंद हो जायेगी।
ध्यान रहे, आईएमएफ की यह टिप्पणी उस वक्त आयी है जब पाकिस्तान एफएटीएफ के 150 सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, पाकिस्तान की मंशा थी कि एक-दो आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई दिखाकर वो एफएटीएफ से फिर से छह महीने का समय मांग लेगा। मगर एफएटीएफ ने पहले ही कह दिया है कि 22 फरवरी को होने वाली बैठक से पहले पाकिस्तान को सभी सवालों के जवाब और स्पष्टीकरण देने होंगे।
पाकिस्तान पर एफएटीएफ की टेढ़ी नजर की आशंका इस बात से पता चलती है कि जिन 22 बिंदुओं पर निस्तारण पर पाकिस्तान ने रिपोर्ट पेश की थी उसी रिपोर्ट पर 150 सवाल खड़े हो गये। पाकिस्तान की अविश्वसनीयता का यह आलम है कि जब पाकिस्तान ने कहा कि वो मनी लॉंड्रिंग-टेरर फंडिग और टेररिस्ट के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है तो एफएटीएफ ने कहा कि जिन लोगों और संगठनों के खिलाफ अब तक कार्रवाई हुई है , उनकी डिटेल जानकारी मुहैया कराई जाये। इसके अलावा टेरर फंडिंग और टेररिस्टों के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज की गयीं हैं उनकी मूल प्रतियां पेश की जायें।
ध्यान रहे, एफएटीएफ के 27 प्वाइंट एक्शन प्लान के क्रियान्वयन में देरी होने के कारण आईएमएफ ने भी पाकिस्तान को दी जारही मदद की प्लानिंग में फेरबदल की है। एफएटीएफ अगर पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर देता है तो पाकिस्तान को विदेशों से मिलने वाली लाइन ऑफ क्रेडिट बंद हो जायेगी। पाकिस्तान को विदेशों से आयात लगभग बंद हो सकता है। रोज मर्रा के खर्चों को चलाने के लिए पाकिस्तान सरकार को अपनी जनता पर भारी टैक्स लगाने पड़ेंगे और पाकिस्तान के लोगपहले से महंगाई के मारे हुए हैं जब उन पर और भी टैक्स लगाने पड़े तो अराजकता और अपराध चरम पर पहुंच सकता है। पाकिस्तान में सिविल नाफरमानी बढ़ जायेगी।