जम्मू और कश्मीर को लेकर हिंदुस्तान के विरूद्ध झूठ फैलाने से पाक बाज़ नहीं आ रहा है। पाक ने संयुक्त देश से मिली नाउम्मीदी के बाद युगांडा में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में हिंदुस्तान के विरूद्ध एक बार जहर उगला। वहीं भारतीय अधिकारियों ने पाक के इस दुष्प्रचार की पुरजोर आलोचना करते हुए उसे अपने घर में झांकना की सलाह दी, जहां सैन्य शासन एक परंपरा बन चुका है।
युगांडा के कंपाला में आयोजित राष्ट्रमंडल राष्ट्रों के 64वें संसदीय सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रतिनिधिनियों ने कश्मीर में सुरक्षा बलों की भारी मौजूदगी पर सवाल उठाया था। इस पर हिंदुस्तान ने जवाब देते हुए बोला कि उसे पहले अपने घर में झांकना चाहिए, जहां सैन्य शासन एक परंपरा बन चुकी है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में कंपाला पहुंची इस भारतीय शिष्टमंडल में शामिल रूपा गांगुली, अधीर रंजन चौधरी व एल हनुमनथैया शामिल थे। लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में बोला गया, ‘रूपा गांगुली सहित अन्य सदस्यों ने पाक के इस दुष्प्रचार का पुरजोर विरोध किया। ‘ इस दौरान रूपा गांगुली ने बोला कि पाक में सैनिक शासन की परंपरा रही है व वह 33 वर्ष सेना के शासन में रहा है। हिंदुस्तान में सैनिक शासन कभी भी व कहीं भी नहीं रहा।
पाकिस्तान ने इससे पहले इस महीने की आरंभ में मालदीव में आयोजित साउथ एशियन स्पीकर्स समिट में भी कश्मीर मामला उठाने की प्रयास की थी। हालांकि हिंदुस्तान की असहमति के बाद उसकी प्रयास नाकाम ही रही।