आगरा। मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार करने के लिए पूरे विश्व के पर्यटक आते हैं। यादगार के लिए तस्वीरें उतारते हैं, वीडियो बनाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ताजमहल के आस-पास के पांच गांव के लिए ताजमहल आफत बन गया है।
इन गांवों की आबादी लगभग 10 हजार है। इन गांवों में रहने वाले लोगों का कहना है कि ताजमहल इनकी जिंदगी के लिए अभिषाप बन गया है। गांव मानो जेल बन गया है।लोगों का कहना है कि यहां इतनी ज्यादा सुरक्षा बढ़ा दी गई है कि उनकी जीने की आजादी ही छिन गई है।लोगों का दर्द है कि किसी भी मांगलिक कार्यक्रम में इनके रिश्तेदार यहां नहीं पहुंच पाते।
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इस गांव के लोगों का कहना है इन्हें कहीं भी आने जाने की अनुमति नहीं है। बाहर जाने के लिए पास बनवाना पड़ता है। अगर कोई रिश्तेदार यहां आना चाहे तो उसको गांव में प्रवेश दिलाना किसी जंग जीतने से कम नहीं। लोगों का कहना है आना-जाना इतना मुश्किल हो गया है कि अब रिश्ते भी नहीं आ रहे हैं। गांव के युवा काफी संख्या में कुंआरे हैं। लोगों के मुताबिक इन गांवों में लगभग 40-45 फ़ीसदी युवा इसी वजह से कुंआरे हैं। अब इन्हें ताजमहल की खूबसूरती रास नहीं आती।
ताजमहल के आस-पास जिन गांव के लोगों ने अपना-अपना दर्द सुनाया है, उनमें गांव गढ़ी, वंगस, नगला पेमा, कलपी नगला और अहमद बुखारी। यहां का रास्ता ठीक ताजमहल के बगल से गुजरता है। सुरक्षा कारणों की वजह इन गांवों की ओर जाने वाले लोगों को पास की जरूरत होती है। स्थानीय लोगों का कहना है जिस मोहब्बत की निशानी को सात समुंदर पार से लोग देखने के लिए आते हैं, उसके करीब रहने वाले लोगों के लिए ये परेशानियों का सबब बन गया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मोहब्बत की निशानी ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।हाल ही में गांव में एंबुलेंस न पहुंच पाने की वजह से दो महिलाओं की प्रसव के दौरान मौत हो गई थी। सिक्योरिटी की वजह से ताजमहल चेक पोस्ट से एंबुलेंस को गुजरने नहीं दिया गया और एंबुलेंस समय से पहुंच नहीं पाई। गांव वालों की इस हाल की सुध लेने वाला कोई नहीं हैं।