नई दिल्ली। जर्मनी Germany का लक्ष्य 2020 तक सडकों पर 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहन उतारने का है। मगर, वह लक्ष्य 2022 तक पूरा होगा। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल जर्मनी में 131,000 इलेक्ट्रिक व्हीकल रजिस्टर हुए। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। बावजूद इसके, जर्मनी अपनी सड़कों पर 10 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल चलाने के अपने लक्ष्य से लगभग दो साल पीछे चल रहा है।
Germany ने इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल को
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती सेल के बीच Germany जर्मनी ने इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए 2016 में लगभग 1 बिलियन यूरो की सब्सिडी स्कीम शुरू की थी। फिर भी कारों की महंगी कीमत, कारों की कम ड्राइविंग रेंज और चार्जिंग पॉइंट्स की कमी के कारण ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक कारें को दूरी बनाए हुए हैं। अब सरकार इन वाहनों से टैक्स कम करने और देशभर में एक लाख चार्जिंग पॉइंट्स बनाने की योजना बना रही है।
जर्मनी के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर एंड्रियाज शेउर ने कहा कि हमने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए देर से शुरुआत की थी, लेकिन हम अब रफ्तार पकड़ रहे हैं। इसलिए हमें और इन्सेंटिव देने की जरूरत नहीं लग रही। साथ ही सरकार ऑटो कंपनियों से सॉलिड स्टेट बैटरी सेल्स के प्रोडक्शन के लिए साथ आने की बात कह रही है ताकि एशियाई कंपनियों को चुनौती दी जा सके।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी सेल एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट हैं जिसके लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों में होड़ मची है।अभी जर्मन कंपनियां बैटरी सेल्स के लिए एशियाई देशों पर निर्भर हैं। जर्मन ऑटो कंपनियां चीन की ब्।ज्स् जैसी कंपनियों से बैटरियां लेती है। ब्।ज्स् यूरोप में अपनी पहली प्रोडक्शन साइट खोलने की तैयारी में है। यह साइट जर्मनी में खोली जाएगी।