जेल से रिहा होने के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) पहली बार किसी सार्वजनिक मंच पर बोलते नजर आए। अररिया में एक कार्यक्रम के दौरान आनंद मोहन ने कहा कि वह आईएस जी कृष्णैया हत्याकांड में दोषी नहीं हैं।
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पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि हर दिन लग रहे झूठे आरोपों की बजाय उन्हें सूली पर चढ़ा दिया जाए। आनंद मोहन ने अपने आलोचकों को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनके बारे में जानने चाहते हैं, तो लालकृष्ण आडवाणी और नवीन पटनायक से पूछिए कि वो क्या चीज हैं।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक की रिहाई के बाद से सूबे की सियासत लगातार गर्म है। शायद इसी का नतीजा था कि अररिया जिले के फारबिसगंज में वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा के अनावरण के लिए आयोजित समारोह के दौरान आनंद मोहन के साथ भाजपा सांसद और स्थानीय भाजपा विधायक ने मंच साझा नहीं किया।
आनंद मोहन की पत्नी व पूर्व सांसद लवली आनंद ने भी इस दौरान इमोशनल कार्ड खेलते हुए कहा कि निर्दोष की हत्या करना निर्दोष को झूठे मामले में फंसाने के समान है। लवली आनंद ने अपने पति की रिहाई के विरोध को गैरकानूनी और अतार्किक बताया और कहा कि कोई नहीं जानता कि अपने पति के बिना इन 16 सालों में कैसे दिन बिताए।
Anand Mohan की डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में जेल से रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दिवंगत डीएम की पत्नी उमा कृष्णैया ने याचिका दायर की है। आनंद मोहन ने दिवंगत डीएम पत्नी को लेकर कहा कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। खुद को संविधान का पालन करने वाला नेता बताते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि ये देश किसी के बाप की बपौती नहीं, सभी ने इसे खून से सींचा है। आनंद मोहन ने दावा करते हुए कहा कि वो निर्दोष होने के कारण ही आज जेल से बाहर आए हैं।