बिधूना। तहसील के ब्लाक ऐरवाकटरा के ग्राम गोपियापुर में बीती रात्रि कच्ची दीवार गिर जाने से उसके मलवे में दबकर दंपति व उसके एक पुत्र की मौत हो गयी थी। जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गये थे। मृतकों के शव पोस्टमार्टम के बाद गांव लाये गये। जिसके बाद ग्रामीणों, परिजनों व रिश्तेदारों ने ये कहते हुए शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार दिया कि पहले बेसहारा हुए बच्चों को सहायता राशि दी जाये। जिसके बाद वहां मौजूद प्रशानिक व पुलिस अधिकारियों के मान-मानौवल व प्रधान द्वारा तीनों बच्चों के नाम 8 बीघा भूमि के पट्टे का प्रस्ताव किये जाने एवं अन्य सरकारी सहायता उपलब्ध कराये जाने के आश्वासन के बाद ही ग्रामीण व रिश्तेदार करीब एक घंटे बाद अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए।
बताते चलें कि थाना कुदरकोट व ब्लाक ऐरवाकटरा की ग्राम पंचायत बीबीपुर के मजरा गोपियापुर निवासी इंद्रवीर राठौर (45) पुत्र तुलसीराम राठौर गरीबी व सरकारी आवास मिलने के अभाव में एक कच्ची दीवार पर दोनों तरफ छप्पर रखकर पत्नी शकुन्तला (42), आकाश (15), विकास (12), अनुराग (10) व अंशू (6 वर्ष) के साथ रहकर जिंदगी का गुजारा कर रहा था और मेहनत मजदूरी कर परिवार को पेट पाल रहा था। उक्त परिवार गांव में बने पंचायत घर में खाना आदि बनाता खाता था। जिसके बाद अपने छप्पर वाले में मकान में आकर सोता था। जहां पर अपने जानवर आदि भी बांधता था। शुक्रवार की शाम खाना आदि खाकर उक्त परिवार छप्पर के नीचे सोया था। तभी रात्रि करीब 11ः15 बजे अचानक कच्ची दीवार गिर गयी। जिससे इंद्रवीर के परिवार के सभी छह सदस्य दीवार के मलबे के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गये थे।
चीख पुकार सुन पास में ही रह रहे इंद्रवीर के भाई कन्हैयालाल, राम प्रकाश, चन्द्र प्रकाश व धर्म प्रकाश एवं अन्य पड़ोसी दौडे। जिन्होंने आनन फानन मलबे में दबे परिवार के सदस्यों को निकालने के प्रयास के साथ घटना की जानकारी पुलिस को दी। कुछ देर में ही ग्रामीण मलबे में दबे गंभीर घायल इंद्रवीर, शकुन्तला, आकाश, विकास, अनुराग व अंशू को मलबे से बाहर निकाल पुलिस के सहयोग से रात्रि करीब 12ः30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिधूना ले आये। जहां पर डाक्टरों ने इंद्रवीर, शकुन्तला व विकास को देखते ही मृत घोषित कर दिया। जबकि आकाश व अंशू की गंभीर हालत को देखते हुए रिम्स सैंफई के लिए रेफर कर दिया है। जबकि अनुराग के कम चोटिल होने के चलते अस्पताल में उपचार के बाद ताऊ कन्हैयालाल के साथ घर भेज दिया गया था। जबकि मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था।
तीनों मृतकों के शवों का पीएम होने के बाद उनके शवों को शाम करीब 4 बजे गांव लाया गया। इस दौरान उपजिलाधिकारी लवगीत कौर, तहसीलदार जीतेश वर्मा, सीओ बिधूना महेन्द्र प्रताप सिंह, सीओ सदर प्रदीप कुमार व सीओ अजीतमल भरत पासवान, सीओ सुरेन्द्र नाथ यादव समेत भारी मात्रा में पुलिस फोर्स भी गांव पहुंच गया। शवों के गांव पहुंचते ही ग्रामीणों ने परिजनों व रिश्तेदारों के साथ मिलकर मृतक के बच्चों को तत्काल सहायता दिलाने के नाम पर विरोध करते हुए शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद वहां पर मौजूद हर महिला व व्यक्ति हांथ हिलाते हुए शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार करने लगा।
इस दौरान अधिकारियों ने धैर्य से काम लेते हुए ग्रामीणों, परिजनों व रिश्तेदारों को अंतिम संस्कार के लिए मनाने का काफी प्रयास किया। लेकिन वह लोग कोरे आश्वासन पर अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हुए। इस दौरान ग्रामीणों की कई बार अधिकारियों से नोंकझोंक भी हुई। करीब एक घंटे तक चले प्रयास के बाद अधिकारियों से वार्ता के बाद ग्राम प्रधान माल्ती देवी ने मृतक इंद्रवीर के तीनों पुत्रों के नाम 8 बीघा भूमि का पट्टा किये जाने का प्रस्ताव कर एसडीएम को सौंपा। साथ ही उपजिलाधिकारी ने 5 लाख रूपया किसान बीमा से, 25-25 सौ रूपए प्रतिमाह बच्चों की पढ़ाई के लिए। उनकी उम्र 18 वर्ष होने तक दिलाये जाने का भरोसा दिलाया।
जिसके बाद परिजन व रिश्तेदार शवों के अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। इसके बाद तीनों शवों को अंतिम संस्कार के लिए पुरहा नदी के पास खेत में ले जाया गया। इस दौरान सपा की क्षेत्रीय विधायक रेखा वर्मा, भाजपा के पूर्व विधायक शिव प्रसाद यादव व सांसद प्रतिनिधि रिया शाक्य, सपा के जिलाध्यक्ष राजवीर यादव, जिला पंचायत सदस्य शैलेन्द्र यादव व चन्द्र प्रकाश के अलावा किसान यूनियन के नेता मौजूद रहे।
रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन/राहुल तिवारी