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Centre of Excellence Lucknow University : वैदिकवाङ्मय में उद्योग और कौशल विकास-विषयक व्याख्यान-माला का शुभारम्भ

मुख्य अतिथि के रूप में प्रधान वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित प्रो. ओम् प्रकाश पांडेय ने वैदिक यज्ञ को केंद्र बनाकर उनके माध्यम से विकास को प्राप्त करने वाले अनेक उद्योग-धन्धों तथा कौशल विकास के प्रासंगिक तथा व्यावहारिक पक्षों पर प्रकाश डाला।

लखनऊ। संस्कृत और प्राकृत भाषा विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय मे उ,प्र,सरकार के सहयोग से संचालित सेंटर आफ एक्सीलेंस परियोजना के अन्तर्गत, आज दिनांक 11 मार्च 2022 को दो दिवसीय व्याख्यान-माला (Lecture Series) का शुभारम्भ हुआ। व्याख्यान-माला के प्रथम दिवस की शुरुआत, वैदिक और लौकिक मंत्रों के साथ, सरस्वती देवी को माल्यार्पण करके प्रारम्भ हुआ।

व्याख्यान-माला में आज वैदिक वाङ्मय में उद्योग और कौशल विकास विषय पर तीन व्याख्यान प्रस्तुत किए गए ।प्रस्तुत व्याख्यान-माला में कला संकाय की अध्यक्ष प्रोफ़ेसर प्रेम सुमन शर्मा, सांदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के पूर्व सचिव प्रोफेसर ओम प्रकाश पांडेय, जुहारी देवी गर्ल्स पीजी कॉलेज कानपुर की पूर्व प्राचार्या डॉ रेखा शुक्ला और राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ सूर्य प्रकाश शुक्ला सहित, संस्कृत विभाग तथा ज्योतिर्विज्ञान विभाग के प्राध्यापक और 78 से अधिक शोध छात्र-छात्राएं और एम ए. के विद्यार्थी मिलाकर लगभग 75शोधार्थी उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि के रूप में प्रधान वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित प्रो. ओम् प्रकाश पांडेय ने वैदिक यज्ञ को केंद्र बनाकर उनके माध्यम से विकास को प्राप्त करने वाले अनेक उद्योग-धन्धों तथा कौशल विकास के प्रासंगिक तथा व्यावहारिक पक्षों पर प्रकाश डाला। डॉ रेखा शुक्ला जी ने वैदिक मंत्र संहिताओं में प्रस्तुत मंत्रों में किए गए विविध प्रकार के संसाधनों, वृक्षों, वनस्पतियों और कृषि पशुपालन इत्यादि उद्योगों के साथ आयुर्वेद, वास्तुशास्त्र स्वास्थ्य विज्ञान एवं भारतीय कला और संस्कृति के अत्यधिक उपयोगी सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए उनका प्रयोग करके आज के समाज में रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध कराने पर बल दिया।

अपने वैदुष्यपूर्ण उद्बोधन में कला संकाय की अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर प्रेम सुमन शर्मा जी ने संस्कृत साहित्य को भारतीय कला तथा पारंपरिक ज्ञानविज्ञान एवं उद्योगों का मौलिक स्रोत बताते हुए संस्कृत के अध्ययन पर बल दिया। कार्यक्रम का संचालन सेंटर आफ एक्सीलेंस योजना के प्रधान अन्वेषक तथा संस्कृत विभाग के समन्वयक डॉ प्रयाग नारायण मिश्र ने किया। कार्यक्रम में अभ्यागत अतिथियों का स्वागत डॉ. सत्यकेतु जी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ गौरव सिंह जी ने करके व्याख्यानमाला के आज के कार्यक्रम को पूर्णता प्रदान की।

आज के इस कार्यक्रम मे अभ्यागत अतिथियों का अंगवस्त्रादि से सम्मान करके संस्कृत मे. पांच स्वर्णपदक प्राप्त करने वाली एम ए की छात्रा गजाला का भी सम्मान किया गया।कार्यक्रम मे विभागीयपत्रिका तथा प्रयागनारायणमिश्र के एकग्रन्थ का लोकार्पण भी किया गया। इस व्याख्यानमाला का आयोजन कल दिनांक 12 मार्च 2022 को भी मध्यान्ह 12:00 बजे से संस्कृत विभाग में किया जाएगा जिसमें श्री कामेश्वर नाथ दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सर्व नारायण झा मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित हैं। इनके साथ ही केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के ज्योतिष विभाग के आचार्य तथा अध्यक्ष प्रोफ़ेसर मदन मोहन पाठक जी भी सारस्वत अतिथि के रूप में उपस्थित होकर वर्तमान समय में वेदांगों में निहित उद्योग तथा कौशल विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डालेंगे।

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