कैनबरा। भारत-ऑस्ट्रेलिया छठी समुद्री सुरक्षा वार्ता मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में आयोजित की गई। इस दौरान दोनों पक्षों ने समावेशी विकास और वैश्विक कल्याण के लिए अनुकूल सुरक्षित समुद्री वातावरण को बनाए रखने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
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भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों की संयुक्त सचिव मुआनपुई सैयावी ने किया, जबकि ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मामलों और व्यापार विभाग में दक्षिण एशिया एवं मध्य एशिया प्रभाग की प्रथम सहायक सचिव सारा स्टोरी और रक्षा विभाग में अंतरराष्ट्रीय नीति के प्रथम सहायक सचिव बर्नार्ड फिलिप ने किया।
विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा वार्ता में दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा वातावरण, समुद्री डोमेन जागरूकता, मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) समन्वय, क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय जुड़ाव तथा समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग सहित आपसी हित के विभिन्न विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) के समुद्री पारिस्थितिकी स्तंभ में सहयोग के लिए आगे के रास्ते पर भी विचार-विमर्श किया।
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वार्ता में खोज और बचाव (एसएआर), प्रदूषण प्रतिक्रिया, नीली अर्थव्यवस्था और बंदरगाह राज्य नियंत्रण में सहयोग भी शामिल था। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने इन क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा की।
इस दौरान दोनों पक्ष वार्ता के अगले दौर को नई दिल्ली में पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर आयोजित करने पर सहमत हुए। भारत-ऑस्ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा वार्ता इंडो-पैसिफिक में समुद्री सहयोग को आकार देने में मदद करती है, ताकि एक खुली, समावेशी, लचीली, समृद्ध और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था का समर्थन किया जा सके।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी