वाराणसी। दुनिया के हर 200वें इंसान में चंगेज खान का डीएनए है। आज भी धरती पर चंगेज खान के कुल डेढ़ करोड़ वंशज हैं। लेकिन, भारत इससे अछूता है। यहां एक भी इंसान में चंगेज खान (Genghis Khan) का डीएनए नहीं है। पाकिस्तान के 40 प्रतिशत हजारा लोगों को छोड़कर दक्षिण एशिया के 2 अरब से ज्यादा लोगों में चंगेज खान का कोई अंश अभी तक नहीं मिला है। जबकि, भारत के सिंधु नदी घाटी से लेकर पाकिस्तान के मुल्तान के आसपास तक चंगेज खान ने बड़े हमले किए थे।
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ये बातें काशी हिंदू विश्वविश्वद्यालय (बीएचयू) के जीन वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने की। बीएचयू के स्वतंत्रता भवन सभागार में कला संकाय के नए छात्रों के दीक्षारंभ कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के 1.5 करोड़ लोगों में चंगेज खान का वाई क्रोमोजोम है। वाई क्रोमोजोम पिता से बेटे में ट्रांसफर होता है।
ऐसे फैला चंगेज खान का डीएनए
प्रो चौबे ने कहा, “करीब 1000 साल पहले चंगेज खान ने पूर्वोत्तर एशियाई कबीलों समेत मिडिल ईस्ट और चीन के एक बड़े भू-भाग पर हमला कर कब्जा जमा लिया था। केवल कब्जा ही नहीं, चंगेज खान युद्ध जीतने के बाद एक-एक गांव में जाता था। वहां रहने वाले लोगों के सर कलम कर देता था। महिलाओं के साथ दुष्कर्म भी करता था। ये कुकृत्य इतने बड़े स्तर पर हुआ कि चंगेज खां का डीएनए पूरे मिडिल ईस्ट में फैल गया।”
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12 हजार पुरुषों पर हुआ रिसर्च
प्रो चौबे ने बताया कि 12 हजार पुरुषों के डीएनए सैंपल पर रिसर्च किया जा चुका है। इनके वाई क्रोमोजोम में पाए 32 म्यूटेशन की जांच की गई है। इस जांच में एक खास तरह का वाई क्रोमोजोम सबसे ज्यादा लोगों में पाया गया।
‘मॉलिक्यूलर क्लॉक’ से सुलझा 800 साल पुराना राज
रिसर्च में पता चला कि ये लोग मुख्य तौर पर सेंट्रल एशिया के रहने वाले थे। साथ ही दक्षिण एशिया के हजारा जनजाति के लोग थे। ‘मॉलिक्यूलर क्लॉक’ द्वारा काल का निर्धारण किया गया। तो पता चला समय 1200 ईसवी के आसपास का था। ये वही समय था, जब चंगेज खान ने इस इलाके में बर्बर आक्रमण किया था।