भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक में संयुक्त रजत पदक देने की अपील बुधवार को खेल पंचाट ने खारिज कर दी। विनेश ने महिला 50 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में जगह बनाई थी जहां उनका सामना अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट से होना था, लेकिन स्वर्ण पदक मैच से ठीक पहले उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया जिस कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। इस पहलवान ने पिछले बुधवार को खेल पंचाट में इस फैसले के खिलाफ अपील की और मांग की कि उन्हें क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए। हालांकि खेल पंचाट ने यह अपील खारिज कर दी। विनेश की अपील भले ही खारिज हो गई, लेकिन उनकी ओर से पेश वकील ने बताया कि उन्होंने इस पहलवान को पदक दिलाने के लिए मजबूत दलीलें रखी थी।
खेल पंचाट के समक्ष क्या रखी दलील?
विनेश की अपील पर फैसला आने के बाद उनकी ओर से पेश हुए वकील ने एक न्यूज चैनल से कहा, हमारी दलीलें विनेश के पहले तीन बाउट पर आधारित थीं। हमने खेल पंचाट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए इस बात पर जोर दिया था कि विनेश पर फैसला उनके शुरुआती तीन मुकाबलों के आधार पर लिया जाए, ना कि फाइनल मुकाबले को देखते हुए। जब विनेश ने यह तीन मैच जीते तो उनका वजन नियमनुसार ही था। हमने इस प्वाइंट को मजबूती से रखा था।
विनेश के फैसले पर क्या आया आईओए का बयान?
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने खेल पंचाट के विनेश फोगाट की यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के खिलाफ की गई अपील को खारिज करने पर निराशा व्यक्त की है। आईओए ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में अस्पष्ट नियमों और उनकी व्याख्याओं को लेकर कड़ी आलोचना की है। आईओए ने एक बयान में कहा, 100 ग्राम की मामूली विसंगति और उसके परिणाम का गहरा प्रभाव पड़ता है, न केवल विनेश के करियर के संदर्भ में, बल्कि अस्पष्ट नियमों और उनकी व्याख्या के बारे में भी गंभीर सवाल उठाता है।