ग्लोबल इकोनॉमिक फ्रीडम इंडेक्स 2020 में भारत को बड़ा झटका लगा है. ग्लोबल इकोनॉमिक फ्रीडम इंडेक्स 2020 में भारत 26 स्थान नीचे खिसककर 105वें स्थान पर पहुंच गया है. इसका आशय यह है कि देश में आर्थिक-कारोबारी गतिविधियों के मामले में आजादी और खुलापन कम हो गया है. साल 2019 की रिपार्ट में भारत 79वें स्थान पर था. यह रिपोर्ट कनाडा की फ्रेजर इंस्टीच्यूट द्वारा भारत के थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी के साथ मिलकर जारी की जाती है.
रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक वषज़् में सरकार के आकार, न्यायिक प्रणाली और सम्पत्ति के अधिकार, वैश्विक स्तर पर व्यापार की स्वतंत्रता, वित्त, श्रम और व्यवसाय के रेगुलेशन जैसी कसौटियों पर भारत की स्थिति थोड़ी खराब हुई है.
दस अंक के पैमाने पर सरकार के आकार के मामले में भारत को एक साल पहले के 8.22 के मुकाबले 7.16 अंक, कानूनी प्रणाली के मामले में 5.17 की जगह 5.06, अंतरराष्ट्रीय व्यापार की स्वतंत्रता के मामले में 6.08 की जगह 5.71 और वित्त, श्रम तथा व्यवसाय के रेगुलेशन के मामल में 6.63 की जगह 6.53 अंक मिले हैं.
इसमें प्राप्तांक दस के जितना करीब होता है आर्थिक स्वतंत्रता उसी अनुपात में अधिक मानी जाती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आर्थिक स्वतंत्रा बढऩे की संभावनाएं अगली पीढ़ी के सुधारों तथा अंतराष्ट्रीय व्यापार के खुलेपन पर निर्भर करेंगी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस सूची में हांगकांग और सिंगापुर क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर तथा चीन 124वें स्थान पर है. सूची में पहले 10 देशों में न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, मॉरीशस, जॉर्जिया, कनाडा और आयरलैंड शामिल हैं. जापान को सूची में 20वां, जर्मनी को 21वां, इटली को 51वां, फ्रांस को 58वां, रूस को 89वां और ब्राजील को भारत के साथ 105वां स्थान मिला है. जिन देशों को सबसे नीचे स्थान मिला है, उनमें अफ्रीकी देश, कांगो, जिम्बाब्वे, अल्जीरिया, ईरान, सूडान, वेनेजुएला आदि शामिल हैं.