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भारत के फर्जी कॉल सेंटर ने अमेरिकन लोगों को लगाया 1 अरब का चूना, 50 गिरफ्तार

मोती नगर के बाद पीरागढ़ी में भी फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा गया है. इस मामले में 50 से ज्‍यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह कॉल सेंटर करीब तीन साल से चलाया जा रहा था. इस कॉल सेंटर के माध्यम से अमरीकियों को ही निशाना बनाया जा रहा था. ये लोग अमरीकियों को ड्रग तस्‍करी के मामलों में कार्यवाही का फर्जी डर दिखाकर अपना शिकार बनाते थे. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने साढ़े चार हजार से ज्‍यादा अमरीकियों को अपने जाल में फंसाया और पिछले दो साल में उनसे 14 मिलियन डॉलर से भी ज्‍यादा की ठगी की. यह कॉल सेंटर स्पेशल सेल के साइबर सेल यूनिट ने पकड़ा है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सूचना मिलने पर साइबर सेल की टीम ने पीरागढ़ी में गुरुवार रात को छापा मारा था. रेड के बाद कॉल और कंप्यूटरों की जांच की गई तो सूचना एकदम पक्की निकली. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कॉल सेंटर चलाने का कोई लाइसेंस नहीं लिया गया था. हर रोज यहां स्टाफ आता था और काम करता था. कॉल सेंटर में काम करने वाले तमाम स्टाफ को यह पता था कि वह अमरीकियों को उनके सोशल सिक्योरिटी कोड के नाम पर धमका रहे हैं. उन्हें इस बात का बखूबी पता था कि वे जो कॉल सेंटर के माध्यम से कर रहे हैं वह क्राइम है. इसी वजह से उसके मास्टरमाइंड समेत स्टाफ को भी गिरफ्तार किया गया.

कैसे बनाते थे शिकार?

कॉल सेंटर में बैठे कॉलर अमरीकियों को टेलिफोन करते और उन्‍हें बताते कि अमेरिका की कई कानूनी एजेंसियों के अधिकारियों को उनके बैंक खातों की डीटेल्‍स मिल गई हैं जिनसे मेक्सिको और कोलंबिया में ड्रग कार्टेल्‍स से लेन-देन हुआ है. उन्‍हें डर दिखाया जाता कि उनकी संपत्तियां और बैंक खाते सीज किए जाने वाले हैं. पीड़‍ितों को दो विकल्‍प दिए जाते कि या तो वे गिरफ्तारी का सामना करें या कुछ ले-देकर मामला रफा-दफा करें. डर के मारे वे मान जाते और इनके कहने पर बिटकाइंस या गूगल गिफ्ट कार्ड्स खरीदकर दे देते.

स्टाफ का इंश्योरेंस एजेंट जैसा टारगेट दिया गया था. जो स्टाफ जितने अधिक लोगों को ठगेगा, उसका इन्सेटिव उतना ही अधिक होता था. अमरीकियों को कॉल करके उन्हें इस बात का डर दिखाया जाता था कि उनके लिंक ड्रग्स और क्राइम से जुड़े हैं. बचने के लिए बिटकॉइन या गिफ्ट कार्ड्स खरीदो. नहीं तो कानूनी कार्यवाही के लिए तैयार रहो. इस धमकी भरी कॉल से अधिकतर अमेरिकी डर जाते थे और वह इन्हें आसानी से पैसा ट्रांसफर कर देते थे.

पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि पीरागढ़ी में फर्जी कॉल सेंटर को चलाने वाले मास्टरमाइंड मोती नगर में पकड़े गए फर्जी कॉल सेंटर की खबर से भी डर नहीं लगा. पुलिस अधिकारी को शक है कि इस तरह के फर्जी कॉल सेंटर दिल्ली में बड़े स्तर पर चल रहे हैं.

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